मात्र 6 मिनट में यात्री पहुंचेंगे Howrah टू Esplanade

  • जल्द होगा एस्प्लेनेड से हावड़ा मैदान के बीच ट्रायल रन
  • 45 सेकेंड में पार कर जायेंगे हावड़ा ब्रिज, पहुंच जायेंगे हावड़ा से कोलकाता

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : देश में पहली बार मेट्रो गंगा नदी के नीचे से इसी साल दौड़ेगी। इतना ही नहीं, अगर सब कुछ ठीक रहा तो देश को इस वर्ष तक एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन भी मिल जाएगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है। इस नये सफर के गवाह बनेंगे कोलकाता व हावड़ा के लोग, क्योंकि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के तहत कोलकाता के साल्टलेक सेक्टर- 5 से हावड़ा मैदान को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना के तहत गंगा (हुगली) नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ेगी। भारत की पहली पानी के नीचे की सुरंग से यात्रियों के लिए पलक झपकते ही यादगार अनुभव होगा। ऐसा इसलिए कि अगर हम बात करें हावड़ा से हावड़ा ब्रिज पार कर बड़ाबाजार आने की तो उसमें आम तौर पर 10 मिनट का समय लगता है। वहीं हावड़ा मैदान (Howrah Maidan to Esplanade)  से एस्प्लेनेड की दूरी को अगर नापा जाये तो बस से यात्री करीब 22 मिनट में एस्प्लेनेड पहुंचते हैं, मगर मेट्रो के शुरू होते ही मिनटों की दूरी सेकेंडों में तब्दील हो जायेगी क्योंकि ट्रेन गंगा के नीचे बने 520 मीटर के टनल को केवल 45 सेकेंड में पार कर लेगी। हावड़ा से एस्प्लेनेड केवल 6 मिनट में यात्री पहुंच जायेंगे।
एशिया का दूसरा गहरा स्टेशन होगा हावड़ा : अधिकारियों की माने तो यह मेट्रो स्टेशन जमीन से 33 मीटर नीचे होगा। गौरतलब है कि अभी एशिया का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन हांगकांग में है, जिसकी गहराई करीब 60 मीटर है यानी हांगकांग के बाद हावड़ा स्टेशन एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना 16.55 किलोमीटर लंबी है। इस परियोजना का लगभग 10.81 किलोमीटर का क्षेत्र भूमिगत होगा जबकि 5.74 किलोमीटर रेल लाइन एलिवेटेड (ऊपरी हिस्से) होगा। इस लाइन पर कुल 12 स्टेशन होंगे।
ट्रायल रन के लिए तैयार किये गये कोच
एस्प्लेनेड और हावड़ा मैदान के बीच 4.8 किमी. ट्रायल के लिए दो 6-कोच वाली ट्रेनों को तैयार किया गया है। फिलहाल सेक्टर 5 और सियालदह (Sector 5 to Sealdah ) के बीच का सेक्शन पहले से ही चालू है, जबकि अंडर-रिवर सेक्शन का निर्माण लगभग एक साल पहले पूरा हो गया था, लेकिन सियालदह-एस्प्लेनेड सेक्शन में काम अभी भी अधूरा है। अधिकारियों को भरोसा है कि रविवार के ट्रायल रन के लिए दो ट्रेनों को साल्टलेक डिपो से हावड़ा मैदान तक ईस्ट-बाउंड के माध्यम से ले जाया जा सकता है। चूंकि रविवार को ईस्ट-वेस्ट मेट्रो सेवा नहीं होगी, उस दिन ट्रेनों को हावड़ा मैदान ले जाया जाएगा। सियालदह तक ट्रेनें सामान्य रूप से चलेंगी। सियालदह से एस्प्लेनेड तक, उन्हें बैटरी से चलने वाले लोको द्वारा धकेला जाएगा क्योंकि अधूरी सुरंग में अभी तक विद्युतीकृत तीसरी रेल नहीं है। रेक साल्टलेक डिपो से हावड़ा मैदान तक 14.5 किमी. की दूरी तय करेगी। एस्प्लेनेड-हावड़ा मैदान सेक्शन पर वाणिज्यिक सेवा शुरू करने की तारीख परीक्षण की सफलता और रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मंजूरी पर निर्भर करेगी।
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना की खास बातें
* अधिकतम रफ्तार 80 किमी. प्रति घंटे की होगी।
* नदी के नीचे से गुजरने में 60 सेकेंड से भी कम समय लगेगा।
* हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक जाने में 6 मिनट का समय लगेगा।
* कुल 16.55 किमी. के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है।
* यह पूरा मेट्रो मार्ग इस साल बनकर तैयार हो जाएगा।
* इस मेट्रो लाइन पर वर्ष 2035 तक 10 लाख यात्री सफर करेंगे।
क्या कहना है केएमआरसीएल का : अंडरग्राउंड मेट्रो का कार्य देख रही संस्था केएमआरसीएल कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से साफ कहा गया है। इस रविवार को केवल टेक्निकल काम को पूरा किया जायेगा। अगले सप्ताह तक मेट्रो का ट्रायल रन संभव है। इसके पहले जानकारी दे दी जायेगी।

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