लगभग 50% राहगीरों की मौत होती है सड़क दुर्घटनाओं में

बाइसाइकिल से जुड़ी दुर्घटनाएं 9%
टू ह्वीलर से मौते हाेती हैं 11%
स्पीडिंग के कारण होते हैं 38% हादसे
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राेड सेफ्टी पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफारिशों पर बैठक हुई जिसमें राज्य के परिवहन मंत्री के अलावा परिवहन विभाग के अहम अधिकारी मौजूद थे। कमेटी द्वारा जारी आंकड़ाें के अनुसार, राज्य में लगभग 50% राहगीरों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले सबसे अधिक राहगीर ही हैं जबकि 45% राहगीर सड़क दुर्घटनाओं में घायल हाेते हैं। इसी तरह बाइसाइकिल से 8% सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जबकि मौतों का आंकड़ा 9% है। टू ह्वीलर से 15% सड़क हादसे होते हैं और लगभग 11% मौतें होती हैं। वहीं ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में स्पीडिंग के कारण 33% हादसे होते हैं जबकि 38% मौतें हाेती हैं। ऐसे में कमेटी की ओर से सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिये राहगीरों से संपर्क कम से कम करने और साथ ही स्पीडिंग पर नियंत्रण के लिये कहा गया है। रोड सेफ्टी पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में कहा गया कि पश्चिम बंगाल रोड सेफ्टी के मामले में अस्पायरेंट राज्यों में शामिल है। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में पश्चिम बंगाल का वेटेड स्कोर 53.8% है यानी​ राज्य को रोड सेफ्टी के मामले में अब भी काफी कुछ करना है। स्कोरिंग क्राइटीरिया में इंस्टीट्यूशनल, एनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इमरजेंसी केयर, रोड यूजर अवेयरनेस एण्ड एडुकेशन को लक्ष्य किया गया है। इन मामलों में बंगाल को 60% से अधिक 53.8% के साथ पश्चिम बंगाल अस्पायरेंट राज्यों में होने के बावजूद कई मापदण्डों में राज्य को 60% से अधिक मिले हैं। एक्सिडेंट डेटा सिस्टम में 76%, ट्रैफिक पुलिस एनफोर्समेंट मैनपावर में 75%, एनफोर्समेंट इक्विपमेंट (पुलिस) में 75%, ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम (ट्रांसपोर्ट) में 69%, ब्लैक स्पॉट एण्ड रोड सेफ्टी ऑडिट (पीडब्लयूडी) में 66% पश्चिम बंगाल को मिले हैं। कमेटी ने दिये हैं कई निर्देश सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने कई निर्देश देते हुए कहा​ कि वर्ष 2021 में सड़क हादसे 5.45% तक बढ़े हैं। प्रत्येक साल राज्य को सड़क दुर्घटनाएं 10% तक कम करनी होंगी। राहगीराें और टू ह्वीलर से जुड़े हादसों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। इसके अलावा ओवर स्पीडिंग, हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट, ओवरलोडिंग आदि मामलों को लेकर भी कमेटी ने निर्देश दिये हैं। 2022 में करीब 10 लाख बढ़ी वाहनों की संख्या वर्ष 2​022 में वाहनों की संख्या 9.73 लाख बढ़ी है। वर्ष 2017 में वाहनों की संख्या 10.4 लाख, 2018 में 11.3 लाख, 2019 में 16.35 लाख, 2020 में 10.6 लाख और 2021 में 9.57 लाख वाहन बढ़े ह परिवहन विभाग की मुख्य उपलब्धियां अप्रैल से दिसम्बर 2022 तक 5,24,263 वाहनों की चेकिंग की गयी। ओवरलोडेड वाहनों की संख्या 15,837 थी ​जबकि ओवरलोड से कुल फाइन 64.75 करोड़ रु. वसूला गया। यह कार्रवाई करने के दिये गये निर्देश जुलाई 2023 तक सभी अथॉरिटी को 85% से अधिक स्कोर करने को कहा गया। इसके अलावा 2024 से 2027 तक 3 वर्षों का एक्शन प्लान बनाने को कहा गया है। टार्गेट डेट पर सभी योजनाओं को पूरा करने का निर्देश भी दिया गया है।

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