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हावड़ा : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को हावड़ा के सांतरागाछी में कहा कि उनकी सरकार द्वारा 21 लाख मनरेगा श्रमिकों को रुपये भेजना चालू कर दिया गया है। सीएम ने कहा, ‘हमारा 1.16 करोड़ रुपये के करीब बकाया है। जिन्होंने 100 दिवसीय रोजगार योजना के तहत गत 3 वर्षों से काम किया, लेकिन उन्हें अब तक उनका पैसा नहीं मिला है, राज्य में ऐसे 21 लाख जॉब कार्ड धारक हैं। केंद्र सरकार द्वारा फंड जारी नहीं किया गया। हमने उनके अकाउंटों में रुपये भेजना चालू कर दिया है।’ यहां उल्लेखनीय है कि हाल में रेड रोड के धरना मंच से सीएम ने घोषणा की थी कि राज्य के 21 लाख मनरेगा श्रमिकों को 21 फरवरी तक वह रुपये देंगी। इधर, प्रशासनिक बैठक के मंच से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की परियोजनाओं में बंगाल नंबर वन था, इसलिए केंद्र की मोदी सरकार ने बंगाल का फंड रोक दिया।
क्या कहा सीएम ममता ने?
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को हावड़ा में प्रशासनिक बैठक की सभा के मंच से कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 21 लाख जॉब कार्ड धारकों को 100 दिन के काम से वंचित होना पड़ा है। उन्होंने उन 21 लाख लोगों को पैसे देने का ऐलान किया, इसके लिए राज्य सरकार हजारों रुपये खर्च करेगी। ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि इतना खर्च करने के बावजूद राज्य सरकार ने यह फैसला क्यों लिया। मुख्यमंत्री के अनुसार अगर वे गरीब लोगों के लिए कुछ कर सकती हैं तो वे अपने को धन्य महसूस करती हैं। ममता बनर्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान की गई विभिन्न परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने हावड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि कभी हावड़ा को पूरब का मैनचेस्टर कहा जाता था लेकिन वाम शासनकाल में इस जिले की स्थिति खराब हो गयी। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में हावड़ा की स्थिति ठीक हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि वह लोगों के लिए लड़ना बंद नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि उनका नाम आंदोलन है। उनका जन्म आंदोलन के माध्यम से हुआ तो उनकी मौत भी आंदोलन से ही होगी। उन्होंने आम लोगों के अधिकारों की रक्षा का संदेश देते हुए कहा कि वे लोगों की रक्षक हैं, इसलिए उनकी रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है।