दुर्घटना होने पर पुलिस आई रेड ऐप पर दर्ज करेगी डाटा, स्थल होंगे चिह्नित

सोमवार से कोलकाता पुलिस के सभी थाने करेंगे आई रेड ऐप का इस्तेमाल
दुर्घटना होने पर पुलिस कर्मी ऐप में अपलोड करेंगे डिटेल्स
आईआईटी मद्रास ने तैयार किया है (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) आई रेड ऐप
ऐप में पुलिस, स्वास्थ्य, परिवहन और पीडब्ल्यूडी विभाग को जोड़ा गया
क्या काम करेगा ऐप
ऐप से पता चलेगा कि सड़क हादसे क्यों हो रहे हैं
किस इलाके में सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं
शहर में कितने ब्लैक स्पॉट हैं
सड़क दुर्घटना में घायल और मृत व्यक्ति के इलाज का डाटा रहेगा मौजूद
देश भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का डाटा होगा एकत्रित
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अब दुर्घटना होने पर पुलिस मौके पर जाएगी और आई रेड ऐप (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) पर डाटा दर्ज करेगी। जिन जगहों पर चार से ज्यादा दुर्घटनाएं होंगी उन्हें चिह्नित किया जाएगा और संबंधित विभागों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। विभाग संबंधित सड़क पर हादसे के कारण ढूंढ़ेगा और उसे ठीक करवाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में हो रही वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक पहल से आईआईटी मद्रास ने ‘इंटीग्रेटेड रोड ऐक्सिडेंट डेटाबेस’ नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया है। इस ऐप के जरिए देश भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। यूपी और अन्य कई राज्यों में इस ऐप का इस्तेमाल पुलिस कर रही है। अब कोलकाता पुलिस भी आई रेड ऐप का इस्तेमाल आगामी सोमवार यानी 27 मार्च से शुरू करने जा रही है। इसके लिए लालबाजार की ओर से कोलकाता पुलिस के सभी पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मियों को निर्देश भेजा गया है। पुलिस कर्मियों को उनके मोबाइल पर आई रेड ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। ऐप डाउनलोड करने के बाद पुलिस कर्मी अपना यूजर नेम और पासवर्ड दर्ज करने के बाद ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस ऐप को सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। गत नवंबर महीने में केन्द्रीय परिवहन विभाग की ओर से कोलकाता पुलिस से इसे लेकर संपर्क किया गया। इसके बाद कोलकाता पुलिस के विभिन्न थाना और अन्य विभाग के अधिकारियों को ऐप के इस्तेमाल को लेकर ट्रेनिंग दी गयी। ट्रेनिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इसे 27 मार्च से शुरू किया जा रहा है।
ऑन द स्पॉट दी जा सकेगी जानकारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस ऐप के लागू होने से शहर के सभी ट्रैफ‌िक एक्सीडेंट की जानकारी एक क्लिक पर हासिल हो जाएगी। इस ऐप पर पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग और पीएचई विभाग के लिए अलग-अलग ऑप्शन रखे गए हैं। यहां पर पहले पुलिस की ओर से दुर्घटना की तस्वीर, घायल का नाम, दुर्घटनास्थल की तस्वीर और एड्रेस, दुर्घटना किसके बीच हुई है सहित अन्य जानकारी देनी होगी। ऐप के माध्यम से दुर्घटना स्थल से ही ऑन स्पाट इंट्री की जा सकेगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग घायल व्यक्ति के इलाज से जुड़े तथ्य अपलोड करेगा। वहीं बाकी के विभाग भी दुर्घटना से जुड़ी कार्रवाई को लेकर जानकारी अपलोड करेंगे। ऐप से तैयार डेटाबेस एवं विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर सड़क की डिजाइन और दूसरी खामियों को दूर करेंगे।
ऐप में दुर्घटना को लेकर जारी होगा यूनिक आईडी
पुलिस सूत्रों के अनुसार अगर कहीं दुर्घटना होती है तो पुलिस कर्मी वहां पहुंचेंगे और उस दुर्घटना की जानकारियां अपलोड करने के लिए एक यूनिक आईडी तैयार करेंगे। यूनिक आईडी तैयार करने के बाद उसके अंदर दुर्घटनास्थल की तस्वीर, वाहन की तस्वीर, घायल व्यक्ति की तस्वीर और अन्य दस्तावेज को अपलोड कर देंगे। इसके बाद उक्त यूनिक आईडी स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी और परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास मैसेज जाएगा। उक्त मैसेज को लिंक के जरिए खोलकर अब वे लोग भी इससे जुड़ी अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे।
हेल्थ विभाग को भी ऐप से जोड़ा गया
सड़क दुर्घटना होने के बाद यदि पुलिस के पहुंचने से पहले ही किसी अस्पताल में घायलों को ले जाया जाता है, तो फौरन वहां इलाज शुरू हो जाएगा। हेल्थ विभाग को भी इस ऐप से जोड़ा गया है। सभी पीएचसी-सीएचसी भी जुड़ेंगे। संबंधित थाना प्रभारी को भी इसकी सूचना मिलेगी। घायल का क्या इलाज हो रहा है, कौन-कौन सी दवा दी जा रही है, इसका भी डिटेल अपलोड होता रहेगा। बहरहाल देखना यह है कि इस ऐप के लागू होने से सड़क दुर्घटना को कम करने में ‌कितनी मदद मिलेगी।

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