सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भाजपा के राज्यसभा सांसद के लिये उम्मीदवारों की दौड़ में मिठुन चक्रवर्ती से लेकर स्वपन दासगुप्ता जैसे नाम शामिल थे, हालांकि इन सब नामों को पीछे छोड़ते हुए भाजपा ने अनंत राय महाराज को बंगाल से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। ‘ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन (जीसीपीए)’ के नेता अनंत महाराज लंबे समय से ग्रेटर कूचबिहार को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग करते आ रहे हैं। हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम में उनसे मुलाकात की थी।
वहीं प्रधानमंत्री ने जब कूचबिहार के रास मेला मैदान में सभा की थी तो उस समय अनंत महाराज भी सभा में शामिल हुए थे। आज यानी गुरुवार को अनंत महाराज नामांकन दाखिल करेंगे। यहां उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार को केंद्रीय मंत्री व कूचबिहार के सांसद निशीथ प्रमाणिक ने अनंत महाराज से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अनंत महाराज को राज्यसभा उम्मीदवार बनने का ऑफर दिया और अनंत महाराज ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
निर्वाचन आयोग की ओर से आगामी 24 जुलाई को राज्यसभा चुनाव कराने की घोषणा की गयी है। समीकरणों को देखें तो 294 सीटों वाली विधानसभा में टीएमसी के 216 विधायक हैं और 5 भाजपा विधायकों का भी समर्थन तृणमूल को है जिन्होंने हाल में पार्टी बदल ली थी, लेकिन विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं विधानसभा में भाजपा के 70 विधायक हैं। ऐसे में तृणमूल काे 7 में से 6 सीटें मिलेंगी और राज्यसभा में एक सांसद भाजपा का हाेगा।
उत्तर बंगाल पर किया गया फोकस
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर बंगाल पर भाजपा का विशेष फोकस है क्योंकि यहां से भाजपा ने पिछली बार सभी 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी। नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले उत्तर बंगाल ने अलग राज्य की मांग पर कई आंदोलन देखे हैं जिनमें गोरखा, राजवंशी, कोच और कामतापुरी शामिल हैं।
पहली बार निर्वाचित होगा भाजपा से कोई
भाजपा के इतिहास में पहली बार बंगाल विधानसभा से कोई राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होगा। 1952 में आचार्य देब प्रसाद घोष बंगाल से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। वह जन संघ के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। उसके बाद पहली बार बंगाल से राज्यसभा में भाजपा अपना प्रतिनिधि भेजने जा रही है। भाजपा विधायकों की संख्या इतनी है कि अनंत महाराज की निर्विरोध जीत तय है।