भुवनेश्वर : ओडिशा के गोपीनाथपुर में गोपीनाथ मंदिर से भगवान कृष्ण के गहने चुराने वाले एक चोर ने 9 साल बाद उन्हें एक नोट के साथ लौटा दिया, जिसमें लिखा था कि चोरी करने के बाद से ही उसे बुरे सपने आने लगे थे। एक रिपोर्ट के अनुसार चोर को नौ साल बाद भगवत गीता पढ़ने के बाद अपनी गलतियों का एहसास हुआ। यह गहने पीठासीन देवताओं कृष्ण और राधा के थे जिनका मूल्य लाखों में बताया गया है।
300 रुपये दान भी
चोर ने अपने द्वारा छोड़े गए एक नोट में लिखा कि 2014 के दौरान उसने यज्ञ शाला में एक यज्ञ से उन गहनों को ले लिया था जिसके लिए उसे इन 9 वर्षों के दौरान बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। चोर ने मंदिर के सामने के दरवाजे पर बैग के गहने छोड़ दिए, जिसमें चोरी हुई टोपी, कान की बाली, कंगन और एक बांसुरी थी और पुजारी श्री देवेश चंद्र मोहंती का उल्लेख किया। उसने गहनों के साथ प्रायश्चित के रूप में अतिरिक्त 300 रुपये भी छोड़े, अज्ञात चोर ने अपने माफी नोट में इन सब बातों का उल्लेख किया।
भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई
आगे चोर ने अपने नोट में कबूल किया कि वह भगवान कृष्ण की शिक्षाओं से द्रवित हो गया और उसने चोरी किए गए गहनों को मंदिर में वापस करने का फैसला किया। वहीं चोरी हुए जेवरों की वापसी से मंदिर के अधिकारियों और भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई। भक्तों के मुताबिक चोर का पश्चाताप का कार्य और भगवान कृष्ण की शिक्षाओं के महत्व के बारे में उसका बोध भगवद गीता की शक्ति का एक उदाहरण ही है।