Chandrayaan 3: भारत को मिली नई ‘Kalpana’

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कोरोना महामारी के दौरान भी नहीं रूकने दिया काम

नई दिल्ली: आज पूरी दुनिया में भारत की चर्चा है। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद पर उतर चुका है और रोवर प्रज्ञान वहां चहलकदमी कर रहा है। 2008 में भारत ने पहली बार चंद्रयान-1 भेजा था, तब चांद पर पानी होने का पता चला था। 2019 में दूसरा प्रयास असफल रहा लेकिन तीसरे प्रयास में भारत ने कर दिखाया। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में वैसे तो इसरो के कई वैज्ञानिकों का योगदान है लेकिन टॉप-6 में एक महिला साइंटिस्ट का नाम भी शामिल है। जी हां, इनका नाम है कल्पना कालाहस्ती और आज की तारीख में वह रोल मॉडल बन चुकी हैं। भारतीय मूल की दिवंगत साइंटिस्ट कल्पना चावला के बाद देश को एक और कल्पना मिल गई हैं। चंद्रयान-3 की डेप्युटी प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना साल 2000 में इसरो से जुड़ी थीं। वह चंद्रयान-2 में भी शामिल थीं। वह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की रहने वाली हैं। 2005 में उन्हें सैटलाइट सेंटर भेजा गया था।

टीम के लिये यादगार पल

कल्पना ने कहा कि यह हमारी टीम के लिए यादगार पल है। जैसे ही विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर पांव जमाए, देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। डेप्युटी प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना ने कहा, ‘यह मेरे और मेरी टीम के लिए सबसे यादगार क्षण है। हम पिछले कई साल से यह प्रयास कर रहे थे। हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है।’

​चंद्रयान की लैंडिंग में कल्पना का रोल समझिए​
  • चंद्रयान-3 मिशन में कल्पना दूसरे नंबर पर थीं। वह हर पल प्रोजेक्ट की डीटेल्स पर ध्यान दे रही थीं।
  • उनके साथी साइंटिस्ट बताते हैं कि कल्पना ने सुनिश्चित किया कि कोरोना महामारी के समय भी मिशन का काम प्रभावित न हो।
  • वह इससे पहले दूसरे चंद्रयान मिशन और मंगलयान मिशन में भी शामिल थीं।
  • चांद पर लैंडिंग के बाद वह भी इसरो के कमांड सेंटर से जनता से जुड़ीं। कल्पना ने कहा कि यह हम सभी के लिए सबसे यादगार क्षण बना रहेगा।
  • कल्पना ने बताया है कि चंद्रयान-2 के अनुभव के बाद जिस दिन से वैज्ञानिकों की टीम ने अपने अंतरिक्ष यान को फिर से तैयार करना शुरू किया, तब से टीम का एक ही लक्ष्य था।एक कुशल टीम लीडर की तरह कल्पना ने चंद्रयान की सफलता के लिए टीम के प्रयासों को सराहा।
इसके साथ ही कल्पना ने स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है। उनके योगदान से STEM (साइंस, टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग और गणित) के क्षेत्र में आने के लिए महिलाएं प्रोत्साहित होंगी। सोशल मीडिया पर लोग खासतौर से महिलाएं कल्पना चावला के बाद एक और कल्पना को पाकर खुश हैं। वे उनमें महिलाओं की ताकत देख रही हैं।
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