आखिर क्यों दुनियाभर के टॉप नेताओं की गाड़ियां होती हैं काली ?

नई दिल्ली : दुनियाभर के नेताओं की गाड़ियां भी आकर्षण का विषय होती हैं। देश के टॉप सुरक्षाकर्मी अपने प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की सुरक्षा में एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं। उनके आगे-पीछे 24 घंटे टाइट सिक्योरिटी रहती है, क्योंकि वे देश-दुनिया के सबसे ताकतवर लीडर्स होते हैं और उन पर खतरा हो सकता है, लेकिन कया आपने कभी सोचा कि इन नेताओं की गाड़ियां हमेशा काली ही क्यों होती हैं ?
दरअसल, नई दिल्ली में इन दिनों जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दुनियाभर के नेताओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में उनकी गाड़ियां भी पहुंच रही हैं। उनकी गाड़ियों का रंग काला है। एक मीडिया रिपोर्ट ने बताया है कि आखिर क्यों राष्ट्राध्यक्षों की गाड़ियां काली होती हैं। असल में इसके पीछे कोई नियम नहीं काम करता है बल्कि परंपराओं के अनुसार यह सब चीजें हो रही हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि काफी पहले जब शुरुआत में रंगों का इस्तेमाल शुरू हुआ तो काला रंग पारंपरिक रंग था। इसी रंग का इस्तेमाल चित्रलेख, पांडुलिपियां लिखने और गाड़ियों को रंगने में किया जाता था। उस समय गाड़ियां काले रंग की हो होती थीं। यहां तक कि भारत में भी गाढ़े काले रंग का इस्‍तेमाल सदियों से हो रहा है।
भारतीय आर्टिस्‍ट्स और कैलिग्राफर्स ने इसका खूब इस्‍तेमाल किया है। इस काली गाढ़ी स्‍याही से एक खास खश्‍बू आती थी।इसके अलावा काला रंग शक्ति, ताकत और अधिकार को भी प्रदर्शित करता है। अमेरिका में तो काले रंग का इस्‍तेमाल सीक्रेट सर्विस भी करती हैं। साथ ही वहां के राष्ट्रपति की गाड़ियों का रंग पुराने समय से ही काला रहा है। यह परंपरा ऐसी चली कि धीरे-धीरे लगभग सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी काले रंग की ही गाड़ियों का उपयोग करने लगे।

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