चेन्नई : तमिलनाडु में एक तोते द्वारा NDA गठबंधन के प्रत्याशी की जीत की भविष्यवाणी करने पर उसके मालिक ज्योतिषी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। ज्योतिषी का नाम सेल्वराज है जिसे कुछ देर बाद चेतावनी दे कर छोड़ दिया गया है। वन विभाग भी अब तोते के मालिक पर जुर्माना ठोकने की तैयारी में है। सेल्वराज के पालतू तोते ने कुड्डालोर निर्वाचन क्षेत्र से NDA गठबंधन के प्रत्याशी की जीत की भविष्यवाणी की थी। ज्योतिषी को दोबारा तोता न पालने की भी चेतावनी दी गई है। PMK ने इस कार्रवाई के बाद DMK पर निशाना साधा है और इसे हार की हताशा करार दिया है। घटना रविवार (7 अप्रैल, 2024) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना कोड्डालोर जिले की है। यहां से NDA गठबंधन में शामिल पट्टाली मक्कल काची (PMK) पार्टी से फिल्म डायरेक्टर थंकर बचन लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार हैं। रविवार को वो अपने साथियों के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में स्थित एक मंदिर में दर्शन किए। दर्शन के बाद जब वो मंदिर से बाहर आ रहे थे तो उन्हें सीढ़ियों के पास एक ज्योतिषी दिखा जिसका नाम सेल्वराज बताया जा रहा है। ज्योतिषी मंदिर के बाहर तोते से लोगों के भविष्य बताने का दावा कर रहा था।
थंकर बचन थोड़ी देर के लिए ज्योतिषी के पास रुके। उन्होंने तोते से अपना भविष्य पूछा। ज्योतिषी ने तोते को बाहर निकाला और बाहर रखे तमाम कार्ड में से एक को चुनने के लिए कहा। तोते ने जो कार्ड उठाया उसमें मंदिर के देवता की फोटो छपी थी। इस कार्ड के आधार पर ज्योतिषी सेल्वराज ने थंकर बचन को चुनाव में उनकी ही जीत होने का संकेत बताया। थंकर बचन ने खुशी में तोते को केला खिलाया। उनके सहयोगियों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया था जो कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बताया जा रहा है कि वीडियो वायरल होने के कुछ देर बाद तोते मालिक के पास पुलिस पहुंच गई। ज्योतिषी सेल्वराज और उनके भाई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सेल्वराज की तलाशी ली गई तो उनके पास कुछ तोते और मिले। इन सभी तोतों को वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले कर जंगल में ले जा कर छोड़ दिया। बाद में पुलिस ने दोबारा तोतों को कैद में न रखने की चेतावनी देते हुए सेल्वराज और उनके भाई श्रीनिवासन को छोड़ दिया। हालांकि, वन विभाग अब ज्योतिषी पर जुर्माना ठोंकने की तैयारी में है। वन विभाग के रेंजर जे रमेश ने बताया कि आरोपित पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की जाएगी।