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नई दिल्ली : संसद के नए भवन के इनॉग्रेशन पर विवाद थम नहीं रहा है। कुल 40 पार्टियों में से कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है। उधर, भाजपा समेत 17 पार्टियों ने सरकार के न्योते को स्वीकार कर लिया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन कराने का निर्देश देने वाली याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉग्रेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। बुधवार को विपक्षी दलों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। ऐसे में नए भवन का कोई मतलब नहीं है।
भाजपा समेत 17 पार्टियां शामिल होंगी
भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), शिरोमणी अकाली दल, NPP, NDPP, SKM, JJP, RLJP, RP (अठावले), अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस, AIADMK, BJD, तेलुगूदेशम पार्टी, YSR कांग्रेस, IMKMK और AJSU MNF। लोकसभा में 60.82% (सदस्य 328) और राज्यसभा में 42.86% (102 सदस्य) प्रतिनिधित्व।