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लातूर : महाराष्ट्र के लातूर जिले के एक दिव्यांग छात्र ने बारहवीं की परीक्षा अपने पैर से लिखकर 78 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। छात्र भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनना चाहता है। विज्ञान ‘स्ट्रीम’ के छात्र गौस शेख ने परीक्षा लेखक की मदद लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद मार्च में आयोजित 12वीं की परीक्षा के दौरान अपने पैर की उंगलियों से उत्तर लिखा था। गौस के जन्म से ही हाथ नहीं थे। परीक्षा परिणाम इस सप्ताह के शुरुआत में घोषित हुए हैं। एक छोटे से गांव के रहने वाले 17 वर्षीय गौस ने अपनी स्कूली शिक्षा वसंतनगर टांडा के रेणुकादेवी हायर सेकेंडरी आश्रम स्कूल में पूरी की, जहाँ उनके पिता एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। गौस के पिता अमजद ने कहा ‘गौस ने चार साल की उम्र से ही अंक और अक्षर लिखना शुरू कर दिया था। उनके प्राथमिक शिक्षकों ने उन्हें अपने पैर की उंगलियों से लेखन का अभ्यास कराया। सामान्य छात्रों को दिये गये अवधि में ही गौस अपना परीक्षा लेखन कार्य पूर्ण कर लेता है।’ गौस ने ‘संवाददाताओं से कहा ‘बचपन से ही मैंने अपने देश की सेवा करने का सपना देखा है, इसलिए मैं एक आईएएस अधिकारी बनना चाहता हूं।’