Israel-Iran War : तीसरे विश्वयुद्ध की बज गई घंटी, ईरान के साथ यमन, सीरिया और इराक …

नई दिल्ली : इजरायल पर आज तड़के ईरान के हमले ने तीसरे विश्वयुद्ध की घंटी बजा दी है। ईरान ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए रविवार तड़के इजरायल पर भीषण हमला कर दिया। इस दौरान ईरान ने इजरायल पर सैंकड़ों ड्रोन, बैलेस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें दागकर खलबली मचा दी। आज तड़के ईरान के साथ ही साथ यमन, सीरिया और इराक के ईरानी हमदर्दों ने भी इजरायल में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए अप्रत्याशित हमला किया। चौतरफा हमलों से इजरायल बौखला गया। हालांकि इजरायली सेना ने इनमें से ज्यादातर हमलों को नाकाम कर दिया। अमेरिका ने भी ईरान समेत अन्य देशों के ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में इजरायल की मदद की। ईरान के इस हमले ने अब पूरे पश्चिम एशिया को क्षेत्रव्यापी युद्ध के करीब धकेल दिया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगारी ने कहा कि ईरान ने कई ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल दागीं, जिनमें से अधिकतर को इजरायल की सीमाओं के बाहर नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि युद्धक विमानों ने इजरायली हवाई क्षेत्र के बाहर 10 से अधिक क्रूज मिसाइलों को तबाह कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइल इजरायल में गिरीं। बचावकर्ताओं ने बताया कि एक हमले में दक्षिणी इजरायल के बदूइन अरब शहर में 10 वर्षीय लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई। हैगारी ने कहा कि एक अन्य मिसाइल सैन्य अड्डे पर गिरी, जिससे वहां मामूली नुकसान हुआ है। हैगारी ने कहा ईरान ने बड़े पैमाने पर हमला किया है और तनाव बढ़ाया है।

इजरायल कर सकता है जवाबी हमला

ईरान के इस हमले के बाद अब इजरायल भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इससे यूरोप से लेकर मध्य-पूर्व के देशों में तनाव और बढ़ेगा। हैगारी ने कहा इजरायल की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है, सेना वह करेगी। बता दें कि सीरिया में एक अप्रैल को ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमला हुआ था। इसमें दो ईरानी जनरल समेत 7 कर्मियों के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का प्रण किया था। ईरान ने इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया था। हालांकि इजरायल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। यह पहली बार है जब ईरान ने 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई दशकों की दुश्मनी के बाद इजरायल पर सीधे तौर पर हमला किया है।

इन देशों ने की निंदा

इजरायल पर ईरानी हमले के बाद अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र , फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने ईरान के हमले की निंदा की है। भारत ने इजरायल और ईरान दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। युद्ध बढ़ने की आशंका के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तत्काल जी-7 देशों की बैठक बुलाई है। उधर ईरान ने यूएन को पत्र लिखकर कहा है कि अगर अब इजरायल ने हमला किया तो वह घातक प्रहार करेगा।

ईरान को मिलेगी इन देशों की मदद

एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे हालात में इधर रूस और चीन ईरान की मदद करेंगे। वहीं उत्तर कोरिया भी रूस और चीन के साथ है। ऐसे में यह तनाव कोई भी खतरनाक रुख अख्तियार कर सकता है। रूस और यूक्रेन युद्ध पहले से ही चल रहा है।

भारत की भूमिका क्या ?

भारत का इजरायल और ईरान दोनों ही देशों से हमारे संबंध काफी अच्छे हैं। इसलिए भारत ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। भारत यह प्रयास भी करेगा कि दोनों पक्षों में शांति कायम हो। साथ ही भारत की प्राथमिकता इजरायल-ईरान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें वहां से बाहर निकालने को लेकर भी रहेगी। मध्य-पूर्व के अन्य देश भी इस युद्ध की चपेट में आएंगे। ऐसे में इसका असर भारत की ऊर्जा जरूरतों पर भी पड़ेगा। ऊर्जा सप्लाई चेन बाधित हो सकती है। मध्य-पूर्व में यह संघर्ष अभी क्या मोड़ लेगा, इस पर भारत-अमेरिका समेत सभी देशों की नजर है।

 

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