
नयी दिल्ली : अगर आपने अभी तक वित्त वर्ष 2022-23 के लिए टैक्स सेविंग का काम पूरा नहीं किया है, तो आपको जल्दी करनी चाहिए। क्योंकि 31 मार्च 2023 इसे करने की आखिरी तारीख है। अगर आप टैक्स सेविंग से जुड़े निवेश और खर्च नहीं करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आपकी टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाएगी। इस बात का ध्यान रखें कि वित्त वर्ष 2020-21 से, व्यक्ति को पुरानी या मौजूदा और नई टैक्स प्रणाली में से चुनने का विकल्प मिलेगा। अगर व्यक्ति वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पुरानी या मौजूदा टैक्स प्रणाली को चुनता है, तो व्यक्ति टैक्स छूट जैसे हाउस रेंट अलाउंस, लीव ट्रैवल कंसेशन और सेक्शन 80C (वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये), 80D (मेडिकल पॉलिसी प्रीमियम), 80E (एजुकेशन लोन पर प्रीमियम) आदि का क्लेम कर सकेगा।
आपकी टैक्स लायबलिटी कितनी बढ़ जाएगी?
मान लीजिए कि वित्त वर्ष में आपकी कुल इनकम 10 लाख है और आप सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश नहीं कर पाए हैं, तो आपकी टैक्स लायबिलिटी 1.17 लाख रुपये है। अगर आप टैक्स सेविंग स्कीम में 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो टैक्स लायबिलिटी 1,06, 600 रुपये हो जाएगी। यानी इसमें 10,400 रुपये का अंतर होगा।
आपको क्या करना चाहिए?
ध्यान रखें की पब्लिक प्रोविडेंट फंड आदि में न्यूनतम राशि का निवेश हो
क्योंकि 31 मार्च वित्त वर्ष का आखिरी दिन है, तो यह सुनिश्चित करें कि आपने टैक्स सेविंग स्कीम्स जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड आदि में न्यूनतम राशि का निवेश किया है। अगर न्यूनतम राशि नहीं जमा कराई है, तो अकाउंट बंद हो जाएंगे।