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हरियाणा के नूंह-मेवात में सांप्रदायिक हिंसा के बाद सरकार ने उपद्रवियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया था। उपद्रवियों की पहचान कर हुए बुलडोजर एक्शन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार से जवाब देने को कहा था। हाईकोर्ट में सरकार ने कार्रवाई पर अपना जवाब दाखिल किया।
Haryana Nuh Violence Update: शुक्रवार (11 अगस्त) को सरकार ने कोर्ट द्वारा भेजे गए नोटिस पर अपना जवाब दाखिल किया। राज्य सरकार द्वारा कोर्ट में दी जानकारी में धर्म के आधार पर कार्रवाई की बात को नकार दिया गया। सरकार ने कहा कि वह नियम के अनुसार ही बुलडोजर अभियान चला रही है। अवैध अतिक्रमण को नियमों के अनुसार ही तोड़ा गया। मामले की अगली सुनवाई को लेकर जल्द तारीख का ऐलान होगा।
हाईकोर्ट में दी जानकारी के अनुसार धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार के नियमों के मुताबिक ही अवैध अतिक्रमण से कब्जा हटाया है। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले में पूरी रिपोर्ट देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। इस मामले को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ही सुनेंगे।
नूंह में क्यों चले बुलडोजर ?
नूंह में 31 जुलाई को मुस्लिम समुदाय के उग्र भीड़ द्वारा हिंदुओं पर हमले के बाद हिंसा फैली थी। प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर उसके अवैध निर्माण को ढहा रही थी। इसके बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तोड़फोड़ पर रोक लगा दी। कोर्ट ने उस समय विशेष टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्रथम दृश्य देखकर ऐसा लगता है कि खास समुदाय के खिलाफ ही कार्रवाई हो रही है। कानून के नियमों को पालन नहीं किया जा रहा है।
नूंह में अब कैसे हैं हालात?
नूंह में राज्य सरकार की ओर से 11 अगस्त तक इंटरनेट की सेवा पर रोक लगी है। हिंसा के बाद से प्रशासन लगातार शांति व्यवस्था के लिए कदम उठा रही है। वहीं, शुक्रवार (11 अगस्त) को नूंह में सरकारी और प्राइवेट स्कूल खोले गए हैं। बस सेवा भी बहाल किया गया है। इसके अलावा कर्फ्यू में भी लोगों को राहत मिली है। पुलिस ने अबतक करीब 80 एफआईआर दर्ज कर ली हैं और 150 से अधिक गिरफ्तारी की जा चुकी हैं।