कूनो से आई गुड न्यूज… बढ़ा चीतों का कुनबा, नामीबिया से आई मादा चीता सियाया बनी मां, 4 बच्चों को दिया जन्म

श्योपुर: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से देश के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। जानकारी के अनुसार मादा चीता और चारों नन्हें मेहमान फिलहाल बिल्कुल स्वस्थ हैं। एक विशेष टीम नए मेहमानों और मादा चीता का खास ख्याल रख रही है। चीता संरक्षण परियोजना में शामिल अधिकारियों ने नये मेहमानों के आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि शावकों का जन्म एक सकारात्मक संकेत है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते अपने नए वातावरण में अच्छी तरह से ढल रहे हैं।

पार्क को भारत की वन्यजीव आबादी में चीतों के पुन: प्रवेश के लिए एक उपयुक्त आवास के रूप में तैयार किया जा रहा है। बता दें, पीएम मोदी ने अपने 72वें जन्मदिवस के मौके पर एमपी के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था, जिनमें पांच नर और तीन मादा चीता शामिल थी। हाल ही में एक मादा चीता साशा की इन्फेंक्शन के चलते मौत हो गई थी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि नामीबिया से भारत लाए गए चीतों में से एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया है। उन्होंने इसे ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के वन्यजीव संरक्षण इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बताया। ट्वीट कर लिखा कि “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए एक चीते के चार शावकों का जन्म हुआ है।” मंत्री ने प्रोजेक्ट चीता की पूरी टीम को चीतों को भारत वापस लाने के उनके अथक प्रयासों और अतीत में किए गए एक पारिस्थितिक गलतियों को सुधारने के उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।

नामीबिया से आई फीमेल चीता साशा सोमवार 27 मार्च को कूनो नेशनल पार्क स्थित अपने बाड़े में मृत मिली थी। उसकी किडनी खराब थी और उसका इलाज चल रहा था। इस खबर ने देश में फिर से चीतों को बसाने की इच्छा रखने वाले वन्यजीव प्रेमियों को झटका दिया था, लेकिन एक साथ चार शावकों के जन्म के बाद अब चीतों के देश में फिर से बसने की उम्मीदें रंग लाती दिख रही हैं। बीते साल 17 सितंबर को आठ चीते नामिबिया से लाकर कूनो में छोड़े गए थे, वहीं, दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत लाया गया था। इन 12 चीतों में सात नर और पांच मादा शामिल थीं। सभी चीतों को मिलाकर वर्तमान में कूनो में चीतों की संख्या 23 हो गई है।

भारत में आखिरी चीता वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में मरा था और चीतों की प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के तहत 2009 में भारत में चीतों को फिर से पेश करने के उद्देश्य से ‘प्रोजेक्ट चीता’ की शुरुआत की थी। देश के कई राज्यों को पार्क में सर्वे के बाद मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को चीतों को फिर से बसाने के लिए अनुकूल माना गया था और प्रोजेक्ट चीता के लिए चुना गया था। करीब 22 साल के लंबे इंतजार के बाद 2022 में सबसे पहले नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे, वहीं, इसी साल दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया था।

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