बच्चों की बोर्ड की परीक्षा के दौरान माता पिता जरूर जाने अपनी …

कोलकाता : माध्यमिक परीक्षा की शुरूआत हो चुकी है। CBSE Board, ICSE Board के साथ ही दुसरे बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और जो छात्र इस परीक्षा में भाग लेने जा रहे हैं उनके लिए बहुत ही तनावपूर्ण समय है। इस दौरान छात्र अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। वे भरपूर नींद नहीं लेते, टेंशन में कम खाते हैं और ऐसी ही अन्य शरीर के लिए नुकसानदायक गतिविधियां करते हैं। कभी कभी तो ये गतिविधियां जीवन भर परेशानी का सबब बन जाती हैं। इस दौरान छात्रों के माता-पिता एक अहम भूमिका निभाते हैं। माता-पिता की भूमिका बच्चों के लिए उत्प्रेरक के रूप में एक संजीवनी का कार्य करती है जिससे बच्चों के प्रदर्शन में अनुकूल वृद्धि होती है। यहां हम कुछ ऐसी बातें साझा करने की कोशिश कर रहें हैं जिन्हें माता-पिता को बच्चों की बोर्ड परीक्षा के दौरान अवश्य ध्यान में रखना चाहिए :

हमेशा इन उत्प्रेरक एवं चमत्कारी शब्दों का इस्तेमाल करें

‘यह दुनिया का अंत नहीं है अपना सिर्फ सबसे उत्तम प्रदर्शन करो’, ‘सब कुछ जीवन भर के अनुभव में एक बार ही होता है’, ‘बोर्ड एग्जाम सिर्फ एक खेल है और तुम इतने होशियार हो कि इसे अच्छे से खेल सकते हो ’, ‘परिणाम की चिंता मत करो सिर्फ सबसे उत्तम प्रदर्शन करो’ ये मुहावरे बच्चों को साहस देते हैं और उनके मानसिक तनाव को कम करते हैं।

अनावश्यक तनाव को नजरअंदाज करें

यदि आपका बच्चा दो घंटे के लिए रोज पढ़ाई करता है तो वह परीक्षा के दौरान पढ़ाई का समय 3 से 4 घंटे बढ़ा देता है। व्यक्ति के शरीर और मस्तिष्क को इस बदलाव को अपनाने में समय लगता है। जब कोई बच्चा रोज दो घंटे के लिए पढ़ाई करता है तब उसके मस्तिष्क के न्यूरॉन्स उसी तरह कार्य करते हैं। कोई भी अचानक बदलाव अच्छे परिणाम नहीं देता। अभिभावकों को यह समझना चाहिए कि परीक्षा से पहले लगातार 9 से 10 घंटे की पढ़ाई हमेशा मददगार साबित नहीं होती।

थोड़ा सा प्रलोभन मदद कर सकता है

हालांकि यह अच्छी आदत नहीं है लेकिन छात्रों को प्रोत्साहन की भी जरूरत होती है। अभिभावक कुछ वादे करते हैं जैसे कि अगर तुम गणित और विज्ञान में 90 प्रतिशत अंक लाओगे तो हम तुम्हें एक नई साइकिल तोहफे में देंगें । अगर तुम 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाओगे तो हम तुम्हें हिल स्टेशन पर घुमाने ले जायेंगें आदि। इस तरह के वादे छात्रों को अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस तरकीब का फायदा यह है कि अभिभावकों को उन्हें लगातार पढ़ने के लिए नहीं कहना पड़ता। एक अभिभावक को इन सभी तरकीबों को भी आपनाने की कोशिश करनी चाहिए।

उनकी सेहत और खान-पान की आदतों पर नजर रखिये

परीक्षा की तैयारी के आखिरी महीने में कुछ छात्र अपना रोज का खाना छोड़ देते हैं और कुछ छात्र जंक फूड एवं हल्का फुल्का नाशता करना शुरू कर देते हैं। आजकल यह देखा गया है कि कुछ छात्र डाॅक्टर की सलाह के बिना ही दवाइयां ले लेते हैं। इस तरह के ड्रग छात्रों के शरीर और मस्तिष्क पर बुरा असर डालते हैं। अभिभावकों के लिए जरूरी है कि वह अपने बच्चों की सेहत पर खास ध्यान दें। अभिभावक इस बात पर खास ध्यान दें कि बच्चे जंक फूड की बजाय हल्का खाना और फल खायें। अलग-अलग प्रकार का भोजन व्यक्ति के मस्तिष्क पर अलग प्रभाव डालता है। अभिभावक को ध्यान देना चाहिए कि बच्चे संतुलित भोजन करें और कोई फालतू दवाइयों का इस्तेमाल न करें। अभिभावक को यह भी ध्यान देना होगा कि बच्चा आराम भी करे और पूरी नींद ले।ध्यान भटकाने वाले गतिविधियों पर कुछ दिन के लिए रोक लगाएं।

अभिभावकों को भी टी.वी. देखना, ऊंची आवाज में गाने सुनना या ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटके। परीक्षा के दौरान अभिभावकों को मेहमान और रिश्तेदारों को घर पर नहीं बुलाना चाहिए, इससे भी बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है। अभिभावकों को एक ऐसा वातावरण बनाना चाहिए जिससे बच्चा सभी ध्यान भटकाने वाली बाधाओं से मुक्त होकर केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करे।

परीक्षा केंद्र से बच्चों को लेने और छोड़ने जाए

परीक्षा के दौरान अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि बच्चे समय से परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। यह बहुत जरूरी है कि बच्चे परीक्षा के समय केवल अपने परीक्षा पर ही ध्यान दें। बच्चे को परीक्षा केंद्र तक छोड़ना माता-पिता और बच्चे को लिए स्मरणीय क्षण होता है । परीक्षा केंद्र तक जाते समय अभिभावक बच्चों को किसी भी प्रेरणादायक मुहावरे से प्रोत्साहित कर सकते हैं और घर वापस आते समय परीक्षा के बारें में विचार-विमर्श कर सकते हैं।

निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि परिक्षा का समय बच्चों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं बहुत ही तनावपूर्ण होता है खासतौर पर तब जब बच्चा पहली बार बोर्ड की परीक्षा दे रहा हो। अगर बच्चे को माता-पिता का समर्थन मिले तो यह समय बच्चे के लिए यादगार और खुशनुमा बन जायेगा तथा वह आशा के अनुकूल रिजल्ट दे सकेगा ।

माता-पिता का सहयोग बच्चे के पूरे प्रदर्शन में बहुत महत्तवपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छे परिणामों के लिए माता-पिता को इन सभी जानकारियों का अवश्य ही पालन करना चाहिए।

 

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