‘प्राण जाए पर वचन ना जाए’, चुनावी बॉन्ड, EVM, ED और सनातन विरोधियों पर बोले PM मोदी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने चुनाव प्रसार में लग चुके हैं। इसी बीच पीएम मोदी ने एक एजेंसी को इंटरव्यू दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम 2047 के लिए काम कर रहे हैं। कांग्रेस के 50 साल और मेरे 10 साल के काम की तुलना कीजिए। चुनाव हमारे लिए महापर्व है। पीएम ने कहा कि हम देश को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे फैसले किसी को डराने के लिए नहीं हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। देश के लिए बहुत कुछ करना बाकी है।

 

विपक्ष के एजेंसियों और ईवीएम को लेकर किए सवालों पर क्या बोले पीएम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले ईवीएम और एजेंसियों को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर पीएम ने कहा कि ‘वास्तव में, वे अपनी हार का कारण खोजने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि हार का दोष सीधे तौर पर उन पर न डाला जाए।’

पीएम ने ईडी की तारीफ की

पीएम ने ईडी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि ईडी ने ज्यादातर जो केस रजिस्टर किए हैं, वह उन लोगों के खिलाफ हैं, जिनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि ईमानदार आदमी को कोई डर नहीं होता है। लेकिन जो लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उन्हें पाप का डर है।

पीएम ने कहा कि कोई मुझे नहीं बताता कि कितने विपक्ष के नेता जेल में हैं। जब मैं सीएम था तो उन लोगों ने मेरे होम मिनिस्टर को जेल में डाल दिया था। देश को समझना चाहिए कि राजनीतिक दलों के नेता ईडी केसों में महज 3 फीसदी ही शामिल हैं। 97 फीसदी केस ऐसे लोगों के खिलाफ हैं, जो राजनीति से वास्ता नहीं रखते।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर क्या बोले पीएम?

पीएम ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है। कई लोगों ने समिति को अपने सुझाव दिए हैं। बहुत सकारात्मक और नवोन्मेषी सुझाव आए हैं। अगर हम इस रिपोर्ट को लागू कर पाए तो देश को बहुत फायदा होगा।

डीएमके की सनातन विरोधी टिप्पणी पर क्या बोले पीएम?

पीएम ने डीएमके की हालिया ‘सनातन विरोधी’ टिप्पणी और उस पर जनता के आक्रोश पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ बैठना उनकी क्या मजबूरी है? कांग्रेस की मानसिकता में ये कौन सी विकृति है?

कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर क्या बोले पीएम?

पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह देश के युवा मतदाताओं की आकांक्षाओं को विफल करता है। उन्होंने कहा कि 2047 में विकसित भारत के लिए उनका दृष्टिकोण आज के पहली बार के मतदाता के साथ जुड़ा हुआ है, जो विकास के इस पैमाने से सबसे बड़ा लाभार्थी होगा।

पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसने अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से विफल कर दिया है। एक तरह से विपक्ष का घोषणापत्र, देश के पहली बार मतदान करने वाले मतदाता की आकांक्षाओं पर पानी फेर देता है। अगर पूरा विश्लेषण करें तो सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को है जिनकी उम्र 25 साल से कम है। यह घोषणापत्र उनका भविष्य बर्बाद कर देगा। मैं उनके जीवन को बेहतर बनाना चाहता हूं। पीएम मोदी ने कहा, मैं देश में इनोवेशन को ताकत देना चाहता हूं।

प्राण जाए पर वचन ना जाए: पीएम

पीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक नेतृत्व संदिग्ध होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में, हमें याद रखना चाहिए कि हमारे पास ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ की परंपरा है। मेरा मानना ​​है कि राजनेताओं को ऐसा करना चाहिए कि वह खुद स्वामित्व लें, उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मैं जो कहता हूं, वह मेरी जिम्मेदारी है और मैंने इसकी गारंटी भी दी है और मैं अनुच्छेद 370 का मामला लेता हूं, यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता रही है। मैंने साहस दिखाया और 370 को हटा दिया। और आज जम्मू-कश्मीर का भाग्य बदल गया है।

काले धन और चुनावी बॉन्ड पर क्या बोले पीएम?

पीएम ने विपक्षी दलों पर चुनावी बॉन्ड योजना पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, और कहा कि हर कोई करेगा। जब कोई ईमानदार प्रतिबिंब होता है तो पछतावा होता है। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना का उद्देश्य चुनावों में काले धन पर अंकुश लगाना था। उन्होंने कहा कि विपक्ष आरोप लगाकर भागना चाहता है।

 

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