साधारण सी बीमारी लगने वाली यह बीमारी आपको बहुत परेशान कर सकती है। इसके उपचार के लिए आप घरेलू उपाय आजमा सकते हैं। ये आसानी से उपलब्ध होते हैं और इनका कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।
एज्मा (दमा) दो कारणों से होता है, एक एलर्जिक और दूसरा नॉन एलर्जिक। एलर्जिक एज्मा का प्रकोप उस समय बढ़ जाता है, जब आदमी उस चीज के संपर्क में आता है जिससे उसे एलर्जी है।
आमतौर पर जाड़े के मौसम के साथ बच्चों में ठंड लगने की प्रवृत्ति भी रहती है। खांसी, सर्दी, बुखार, श्वांस का तेज चलना एवं दम फूलना आदि शिकायतें पाई जाती हैं।
भारत में गर्म जलवायु के कारण किशोरियों का मासिक चक्र 12-13 साल की उम्र से लेकर 14-15 साल तक कभी भी शुरू हो सकता है। बच्ची का स्वास्थ्य, उठान व वंशानुक्रम भी असर डालता है।