पश्चिम बंगाल में बढ़े टमाटर और प्याज के कीमत | Sanmarg

पश्चिम बंगाल में बढ़े टमाटर और प्याज के कीमत

कोलकाता : एक तरफ़ टमाटर लाल हो गया है तो दूसरी ओर प्याज़ भी रुलाने लगा है। भीषण गर्मी के बीच सब्जियों की क़ीमतें बढ़ी हुई हैं। कहा जा रहा है कि बारिश नहीं होने तक क़ीमतों में कमी आने की संभावना भी कम है। ना केवल टमाटर और प्याज़ बल्कि करेले ने भी किचन का स्वाद बिगाड़ दिया है। हरी मिर्च भी तीखे तेवर दिखा रही है। इन सबके अलावा बैंगन, भिंडी, झींगा की क़ीमतों में भी 20-25% तक उछाल आया हुआ है।
 
टमाटर और प्याज़ आते हैं दूसरे राज्यों से 
वेस्ट बंगाल फार्मर्स एंड वेंडर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कमल दे ने सन्मार्ग को बताया, “प्याज़ नासिक से आती है जबकि टमाटर की सप्लाई बैंगलोर से होती है। पहले दोनों 10 रुपये प्रति किलो की दर से आते थे, जिस कारण 20 से 25 रुपये प्रति किलो में बिक्री होती थी।हालांकि अब 20 से 25 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर और प्याज़ आते हैं। ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट भी बढ़ गया है जिस कारण इनकी क़ीमत अब 40 से 45 रुपये किलो तक हो गई है।
 
गर्मी के कारण बढ़ी क़ीमतें
भीषण गर्मी और बारिश नहीं होने के कारण खेत फट गये हैं। इस कारण सब्जियों की कीमतों में 20 से 25% तक उछाल आया है। उम्मीद है कि अब बारिश की शुरुआत होने के साथ ही दाम कम होंगे।उदाहरण के तौर पर करेले का फूल इस बार गर्मी के कारण हो ही नहीं पाया है जिस कारण करेला बाज़ार में उपलब्ध नहीं है। इस कारण करेले की क़ीमत काफ़ी बढ़ी हुई है। कुछ ऐसा ही दूसरी सब्ज़ियों के मामले में भी हुआ है।
लग्ज़री आइटम बनें खीरा और कैप्सिकम 
बढ़ी क़ीमतों के कारण खीरा और कैप्सिकम लक्ज़री आइटम बन गये हैं। खीरा 100 से 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है जबकि कैप्सिकम 200 रुपये प्रति किलो पर पहुँच गया है। ऐसे में लोग सलाद खाना भी भूल गये हैं।
की गई है रिव्यू मीटिंग 
राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्य ने बताया कि गर्मी के कारण क़ीमतें बढ़ गई हैं। इसे लेकर रिव्यू मीटिंग की गई है। पूरी तरह मानसून आने के बाद ही क़ीमतें कम हो सकती हैं। हालांकि आम ग्राहको काे ​िकसी तरह की परेशानी न हो।
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