कोलकाता : आपने शादी समारोह के दौरान हाथियाें को द्वार पूजा, बरात ले जाने समेत अन्य कार्यक्रमों में देखा होगा लेकिन कभी कभी यही हाथी घातक साबित हो जाते है। हालही में नदिया के मायापुर इस्कॉन में बिष्णुप्रिया नाम के एक बंदी हाथी के हमले से महावत की मौत हो गयी थी। इस मामले को देखते हुए पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों समेत शादियों में मैकेनिकल हाथियों की मांग की। इस संबंध में पेटा ने इस्कॉन के को-डायरेक्टर एचएच जयपताका स्वामी को एक पत्र लिखा। उन्होंने अनुरोध किया कि अनुष्ठानों और जुलूसों में मैकेनिकल हाथियों का उपयोग किया जाये। इस मैकेनिकल हाथियों का वजन 800 किग्रा के करीब है और ऊंचाई 11 फीट है। यह हाथी लोहे का बना है जिस पर रबर का कवच चढ़ा हुआ है। हाथी का सिर, कान और पूंछ सभी बिजली से चलते हैं। इतना ही नहीं असली हाथियों की तरह ये हाथी भी चार लोगों को अपनी पीठ पर बैठा सकता है। वहीं पेटा इंडिया ने एक बयान में कहा कि कैद से परेशान हाथी असामान्य व्यवहार करने लगते हैं और आखिर में निराश हाथी अक्सर टूट जाते हैं और मुक्त होने की कोशिश करते हैं, दौड़ते हैं और इस तरह मनुष्यों, अन्य जानवरों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। हेरिटेज एनिमल टास्क फोर्स के संकलित आंकड़ों के अनुसार बंदी हाथियों ने 15 साल की अवधि में केरल में 526 लोगों को मार डाला है। गौरतलब हो कि पेटा इंडिया ने पहले ही तीन मैकेनिकल हाथियों का दान किया है। उन्हाेंने त्रिशूर जिले में स्थित इरिंजादापल्ली श्री कृष्णा मंदिर को ‘रमन’, कोच्चि में त्रिक्कयिल महादेव मंदिर को ‘महादेवन’ और मैसूर में श्री वीरसिम्हासन महासंस्थान मठ को ‘शिव’ नामक हाथी दान दी है।