हुगली : सुंगधा के एक ईंट भट्ठे में श्रमिक के तौर पर काम करने वाली लाचार मजबूर मां ने भरण-पोषण में असमर्थ होने पर अपने दूधमुंहे बच्चे को एक नि:संतान दंपति को दान कर दिया। इस काम में कोई आर्थिक लेन देन नहीं हुआ है। इस घटना की जानकारी होने पर लोगों ने कई तरह का कयास लगाना शुरू कर दिया है। कथित रूप से 100 रुपये के एक स्टांप पेपर पर मां ने दस्तखत करने के बाद प्रकिया को पूरा किया। यह घटना चुुंचुड़ा थानांतर्गत चटर्जी बागान इलाके की है। मिली जानकारी के अनुसार महिला का पति काफी दिनों से लापता है। उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। इस बीच महिला को गत 22 सितंबर को प्रसव पीड़ा हाेने पर चुंचुड़ा इमामबाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर महिला ने एक पुत्र संतान को जन्म दिया। इसके बाद 27 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी मिलने पर उसने बच्चे को चुंचुड़ा मंडलपाड़ा निवासी नि:संतान दंपति यादव मंडल और बुलू मंडल को दान किया। हालांकि दंपति ने कोर्ट के पेपर का हवाला देकर इसे सही करार दिया। घटना की सूचना पाकर कोदालिया दो नंबर ग्राम पंचायत के उपप्रधान देवाशिष चक्रवर्ती ने दान लेने वाले दंपति को बच्चे लेने के लिए सरकारी नियम के तहत लेने की अपील की। उसे फॉलो करना चाहिए। इसके बाद उन्हें एसडीओ से मुलाकात करने के लिए कहा गया। दूसरी ओर लाचार मां की कोई खबर नहीं मिल पा रही है।