

जितेंद्र, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : युवा भारती क्रीड़ांगन में पिछले दिनों हुई तोड़फोड़ और हंगामे को लेकर हाई कोर्ट में तीन पीआईएल दायर की गई हैं। यहां गौरतलब है कि 14 दिसंबर को फुटबाल के महान खिलाड़ी लियोनेल मेसी इस क्रीड़ांगन में आए थे। इस दौरान ही यह घटना घटी थी। सोमवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजय पाल और जस्टिस पार्थ सारथी सेन के डिविजन बेंच में इसे मेंशन किया गया तो उन्होंने पीआईएल दायर करने को लीव दे दी। मंगलवार को इसकी सुनवायी होने की उम्मीद है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, एडवोकेट सब्यसाची भट्टाचार्या और एडवोकेट मयनाख घोषाल ने यह पीआईएल दायर की है।
इन तीनों पीआईएल में कहा गया है कि राज्य सरकार की तरफ से गठित कमेटी पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है। पूर्व जज अशीम कुमार राय की अध्यक्षता में यह कमेटी बनायी गई है। इस घटना की जांच के लिए हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाए और हाई कोर्ट इसकी मॉनिटरिंग करे। इसके साथ ही कहा गया है कि यह मनी लांडरिंग का मामला है और ईडी या एसएफआईओ जैसी केंद्रीय संस्था ही इसकी जांच कर सकती है। यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। आयोजक ने बंगाल के अलाव महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में भी जीटीए का रजिस्ट्रेशन कराया था। इसलिए यह कमेटी इसकी जांच नहीं कर सकती है। इसके साथ ही अपील की गई है कि जिन लोगों ने हजारों-हजारों रुपए खर्च करके टिकट खरीदा था उन्हें उनकी रकम वापस की जाए। तोड़फोड़ के कारण क्रीड़ांगन को जो नुकसान पहुंचा है उसकी मरम्मत पर आने वाली लागत इसके आयोजक से वसूली जाए। एडवोकेट सब्यसाची भट्टाचार्या ने सवाल किया है कि यह एक प्राइवेट कार्यक्रम था या इसमें सरकार की भागीदारी थी। उनका सवाल है कि अगर इसमें राज्य सरकार की भागीदारी नहीं थी तो टिकट पर राज्य सरकार के खेल मंत्रालय की मुहर कैसे लगी थी। बहरहाल इन सवालों का जवाब पीआईएल की सुनवायी में ही मिलेगा।