कोलकाता : विश्वकर्मा पूजा हर वर्ष सितंबर महीने में मनाई जाती है। इस दिन लोग विश्वकर्मा (शिल्पकार) की कृपा पाने के लिए लोहे, लक्कड़, कल पुर्जों और मशीनरी की साफ सफाई के साथ उसकी पूजा पाठ भी करते हैं। मान्यता के अनुसार, विश्वकर्मा देव शिल्पी हैं, जो लोगों के लिए साधन और संसाधन की व्यवस्था करते हैं। इस बार विश्वकर्मा पूजा भाद्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी सोमवार को 18 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह से शुरू होकर शाम तक रहेगा। इस दौरान लोग औजारों, मशीनों आदि रोजगार के साधनों की पूजा कर सकते हैं।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
इस साल विश्वकर्मा पूजा हिंदू पंचांग के अनुसार 18 सितंबर को मनाई जाएगी। इसे विश्वकर्मा पूजा ही नहीं, बल्कि इंजीनियर दिवस के नाम से भी जानना चाहिए, क्योंकि देव शिल्पी विश्वकर्मा संसार के सबसे पहले इंजीनियर हैं, जो साधन और संसाधन के लिए जाने जाते हैं।
विदेशों में धूमधाम से होती विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा औद्योगिक क्षेत्र सहित कलाकार कानून में सबसे ज्यादा मनाया जाता है। इस दिन लोहे की बनी सभी चीजों की पूजा होती है। यह पूजा पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, यूपी, बिहार, झारखंड के साथ विदेशों में और पड़ोसी देश नेपाल में खास तौर पर धूमधाम से मनाई जाती है।