राज्यपाल के खिलाफ गोलबंद हुए कई पूर्व वीसी
लगाया गंभीर आरोप – नियमों को तोड़ने के लिए उकसा रहे हैं राज्यपाल
आचार्य के रूप में सीएम पहली पसंद
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शिक्षा जगत से जुड़े विभिन्न मुद्दे को लेकर शिक्षा विभाग और राज्यपाल के बीच फिर तनातनी बढ़ती जा रही है। ताजा मामला वीसी नियुक्ति को लेकर है। वहीं इससे पहले विश्वविद्यालयों से राजभवन द्वारा मांगी गयी साप्ताहिक रिपोर्ट को लेकर भी मामला गरमा गया था। अब इन मुद्दों पर कई पूर्व वीसी ने खुलकर मंतव्य किया है और कहा है कि राज्यपाल नियम नहीं मान रहे हैं। दरअसल, राज्यपाल सीवी आनंदा बोस ने गुरुवार को 11 प्रोफेसरों को कुलपति नियुक्त किया। अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की सूची जारी करने के कुछ घंटों बाद ही राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का बयान सामने आ गया। उन्होंने राजभवन का निर्णय एकतरफा और नियमों के विरोध बताया। इस बार पूर्व और कुछ मौजूदा कुलपतियों ने भी यही सवाल उठाया। शुक्रवार को प्रेस क्लब में आयाेजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व वीसी देवनारायण बंद्योपाध्याय ने आचार्य और राज्यपाल के खिलाफ जमकर भड़ांस निकाली। उन्हाेंने कहा कि राज्यपाल कानून के खिलाफ काम कर रहे हैं। उनका दावा है कि राज्यपाल उन्हें नियम तोड़ने के लिए बाधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीधे राजभवन को रिपोर्ट नहीं भेजने के कारण उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। हम नियमों का पालन करना चाहते हैं। सर्च कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से साप्ताहिक रिपोर्ट मांगे जाने पर भी उन्होंने नराजगी जतायी है। इस संदर्भ में देवनारायण ने कहा कि सभी कुलपतियों से साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने को कहा जा रहा है। यह नियमों की अवहेलना है। अगर वह रिपोर्ट चाहते हैं, तो उच्च शिक्षा विभाग को लिख सकते हैं। हम उसी के अनुसार जवाब देंगे, लेकिन यह पता चला है कि वह (राज्यपाल) अवैध तरीके से पत्र भेज रहे हैं। वहीं जो नियम के तहत काम कर रहे हैं उन्हें हटा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नियम तोड़ने वालों का हौंसला बढ़ा रहे है। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि वह कह रहे हैं कि उन्होंने तीन लोगों पर विचार किया है। ये तीनों कौन हैं? ये तीन लोग वह हैं जिन्होंने नियम न मानकर कुछ रिपोर्ट सीधे उन्हें भेजी। उन्होंने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि शिक्षा विभाग और राजभवन सामंजस्य से काम करें।
मुख्यमंत्री को बनना चाहते हैं आचार्य
काॅन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में देवनारायण बंद्योपाध्याय ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आचार्य बनाया जाता है तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। इस कांफ्रेंस में बर्दवान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति निमाई साहा, सिद्धो कान्हू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दीपक कौर, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रंजन चक्रवर्ती, बांकुड़ा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति देवनारायण बंद्योपाध्याय, रानी रासमणि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आशुतोष घोष, अनुराधा मुखोपाध्याय, कल्याणी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मानस सान्याल, उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ओमप्रकाश मिश्रा सहित कुल 10 पूर्व वीसी मौजूद रहे।
कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल नहीं मान रहे हैं नियम
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