एगरा विस्फोटकांड के प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मंगलवार की दोपहर रोजाना की तरह ही एगरा 1 नं. ब्लॉक के साहारा खादीकुल ग्राम पंचायत इलाके में लोगों का जीवन सामान्य तरीके से गुजर रहा था। अचानक कान फाड़ने वाले विस्फोट के कारण पूरा इलाका गूंज उठा। विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई लोगों के शव के अंश मकान की छत को तोड़कर बगल के दो तालाब और सड़क पर आ गिरे। विस्फोट के बाद कारखाने में लगी आग के कारण पूरा कारखाना जलकर राख हो गया। विस्फोट के कारण बगल के कई घरों मे आग लग गयी। घटना के बाद लोगों में आतंक का माहौल व्याप्त है। मृतक के परिजन सड़क किनारे अपने लोगों की पहचान के लिए रो रहे थे। पूरे गांव में मातम का माहौल छाया हुआ है ।
विस्फोट के लिए पुलिस-प्रशासन है जिम्मेदार
स्थानीय लोगों के अनुसार विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि किसी का हाथ तो किसी का पैर बगल की तालाब में जा गिरा। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि घटना के लिए पुलिस व प्रशासन जिम्मेदार है। अगर वे लोग सर्तक रहते तो यह घटना नहीं घटती। यहां पर अवैध तरीके से बम बनाने का अड्डा बन गया है। पुलिस से लेनदेन करके कारखाना चलाया जा रहा था। पुलिस को सब पता था। पुलिस ही इसके लिए जिम्मेदार है। लोगों के अनुसार पुलिस की बिना मदद के इतना बड़ा कारोबार कैसे चल रहा था। श्यामापद प्रधान नामक व्यक्ति ने बताया कि उक्त कारखाने में महिलाएं अधिकतर काम करती थीं। यह लोग हर महीने पुलिस को रुपये देते थे। यह लेकर तीसरी यहां पर घटना घटी है।
पटाखा कारखाने में अवैध तरीके से बनाया जा रहा था बम
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अवैध तरीके से उक्त कारखाने में बम तैयार किया जा रहा था। पटाखा कारखाने में भारी मात्रा में बारूद रखे गए थे। लोगों का आरोप है कि अवैध तरीके से बम बनाने के दौरान ही विस्फोट होने से इतने लोगों की मौत हुई है। इस सिलसिले में स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की थी लकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हालांकि पुलिस फिलहाल जांच कर पता लगा रही है कि वहां पर पटाखा कारखाना चल रहा था या फिर बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था।
क्या कहना है विधायक का ?
एगरा के विधायक तरुण माइती ने बताया कि पटाखा कारखाने में विस्फोट की खबर पाकर वे घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि पहले भी उनकी तरफ से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया था।
‘विस्फोट ऐसा कि मकान की छत तोड़कर किसी का हाथ तो किसी का पैर जा गिरा तालाब में’
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