सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सीबीआई के बाद अब ईडी की टीम ने भी नगरपालिकाओं से जुड़े भर्ती मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें अयन शील व अन्य अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ छानबीन शुरू हो गयी है। उल्लेखनीय है कि एसएससी मामले की छानबीन के दौरान ईडी की टीम को नगरपालिकाओं में भर्ती से संबंधित कई अहम दस्तावेज मिले थे। इसे देखकर अधिकारी भी चौंक गये थे। उन्हें लगा था कि सिर्फ एसएससी से जुड़ा यह मामला है लेकिन दस्तावेजाें और बैंक अकाउंट की छानबीन करने पर पता चला कि हर स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। अयन के यहां से बड़ी संख्या में नगरपालिका नियुक्ति दस्तावेजों की बरामदगी पर ईडी पहले ही दिल्ली मुख्यालय को एक विस्तृत रिपोर्ट भेज चुकी है। भर्ती भ्रष्टाचार मामले में कई दस्तावेज अयन के कार्यालय से बरामद किए गये थे। विस्फोटक जानकारियां मिलने के बाद सीबीआई ने हाई कोर्ट में इसके लिए अलग से एफआईआर करने की अनुमति मांगी थी, इस पर कोर्ट ने हरी झंडी दे दी।
ईसीआईआर का हो रहा था इंतजार
ईडी के अधिकारियों ने सीबीआई से इस भ्रष्टाचार पर दर्ज प्राथमिकी की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपने को कहा था ताकि वे ईसीआईआर के तहत कार्रवाई शुरू कर सकें। सूत्रों के मुताबिक कलकत्ता हाई कोर्ट ने ईडी द्वारा दी गई स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर नगरपालिका भर्ती घोटाले में मिडिल मैन अयन शील व कई अन्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। विभिन्न नगरपालिकाओं में नियुक्ति भ्रष्टाचार कैसे हुआ और इसके लिए अयन ने कैसे जुगाड़ लगाया, इस बारे में ईडी की टीम को कुछ टिप्स भी मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक विभिन्न नगरपालिकाओं में टेंडर भरने के दौरान ही नगरपालिकाओं के बड़े अधिकारियों से उसकी पहचान हो जाती थी। फिर भ्रष्टाचार का यह खेल शुरू हो जाता था। ईडी ने दावा किया कि बैरकपुर औद्योगिक क्षेत्र के उत्तर व दक्षिण दमदम, बारानगर, कमरहट्टी सहित कई नगरपालिकाओं में लाखों रुपये लेकर नौकरी दी गयी थी। अयन के बैंक अकाउंट का डिटेल्स खंगालने पर पता चला है कि यह स्कैम 50 करोड़ से अधिक का है।
बड़ा रैकेट चलाता था अयन
छानबीन में ईडी की टीम को पता चला है कि विभिन्न नगरपालिकाओं में नौकरी देने के लिए अयन एक बड़ा रैकेट चलाता था। इसमें कई अधिकारियों व कर्मियों का लिंक सामने आया है। इस मामले में जल्द ही इन सभी प्रभावशालियों को तलब किया जाएगा। कमरहट्टी नगरपालिका में सिविल इंजीनियर श्वेता चक्रवर्ती से ईडी ने पहले भी पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में भी उन्हें तलब किया जा सकता है। इससे पहले श्वेता के पिता अरुण चक्रवर्ती ने कहा था कि उनकी बेटी अपने खाली समय में अयन के प्रचार-प्रसार में ब्रांड एंबेसडर के तौर पर काम करती थी और जो रुपये उसे मिलने वाले थे जो कि उसकी फीस थी, उसी से कार खरीदी गयी थी।
इन नगरपालिकाओं से जुड़ा है यह मामला
ईडी ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार हर स्तर पर पाया गया है। नगरपालिका में ड्राइवर से लेकर टाइपिस्ट तक सभी पदों पर लाखों रुपये में नौकरियां बेची और खरीदी गयी थीं। इन नगरपालिका के पूर्व अधिकारी भी निशाने पर हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक दमदम, दक्षिणी दमदम, उत्तरी दमदम, बारानगर, हालीशहर, कमरहट्टी नगरपालिकाओं की नियुक्ति में अनियमितताएं हुई हैं।
अध्यक्ष या समिति करती थी नियुक्तियां
वर्ष वित्तीय वर्ष 2018-19 से पहले कोलकाता को छोड़कर बाकी नगरपालिकाओं में कर्मचारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी संबंधित नगरपालिका के अध्यक्ष या उस संगठन द्वारा गठित समिति द्वारा तय की जाती थी। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर 24 परगना की 6 नगरपालिकाओं में हर स्तर पर भर्ती में हजारों नौकरियां बिकी हैं। अब नगरपालिकाओं में भर्ती मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच होगी।
नगरपालिका भर्ती मामले में ईडी ने अयन समेत अन्यों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
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