कोलकाता : किसी भी घर की सुख-शांति और समृद्धि को लेकर वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में कई नियम बताए गए हैं। यदि तमाम तरह की सुख-सुविधाओं के बाद भी आपके घर में तनाव बना रहता है और बहुत कोशिश के बाद भी आपको सुकून की नींद नहीं आती है, परिवार में झगड़ा होता रहता है तो आपको अपने घर के वास्तु दोष पर नजर दौड़ानी चाहिए। आप चाहे किसी बंगले में रहते हों या फिर किसी छोटे से मकान में, आपके लिए ये वास्तु टिप्स काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं। घर के वास्तु का असर घर में रहने वाले हर सदस्य पर पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर हर सदस्य की सेहत और करियर भी कहीं न कहीं वास्तु पर ही निर्भर करता है। जानें घर के लिए वास्तु के खास नियम क्या है।
– घर से जुड़े वास्तु नियमों का ख्याल करते हुए घर का निर्माण करने से पहले भूमि पूजा जरूर करवानी चाहिए। इसके बाद किस चीज का कहां पर निर्माण हो और किन चीजों से शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है, उस पर कार्य किया जाना चाहिए।
– वास्तु के अनुसार कभी भी तिराहे या चौराहे पर, वीरान जगह पर मसलन शहर या गांव से बाहर, शोर-शराबे और अवैध गतिविधियों वाली जगह पर घर नहीं बनाना चाहिए। गली या सड़क जहां खत्म होती है, उसके अंतिम प्लॉट पर मकान नहीं बनाना चाहिए।
– कहते हैं कि घर बनवाते समय पुरानी लकड़ी, ईंटों या शीशे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस तरह के कबाड़ कभी भी अपने घर के किसी कोने में न रखें।
– वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा में से किसी एक में रखना शुभ होता है। मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए और यदि संभव हो तो सीढ़ियों के आरंभ और अंत में दरवाजा जरूर बनवाएं।
– वास्तु के अनुसार घर में बनवाई जाने वाली सीढ़ियों के लिए दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ होती है। उत्तर-पूर्व या फिर ईशान कोण में बनी सीढ़ियों का वास्तुदोष आर्थिक नुकसान, बीमारी और तमाम तरह की अड़चनें लाता है। सीढ़ियों को हमेशा क्लॉकवाइज बनवाना चाहिए। वहीं, घर के बीच की जगह यानी ब्रह्म स्थान हमेशा खाली रखें।
– वास्तु के अनुसार घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा न प्रवेश कर सके, इसके लिए घर के मुख्य दरवाजे पर रोली से दाईं ओर ‘शुभ’ और बाईं ओर ‘लाभ’ लिखें। साथ ही दरवाजे के ऊपर रोली से ही ‘ॐ’ की आकृति बनाएं। इसके साथ ही स्वास्तिक बनाना भी शुभ होता है। साथ ही घर के द्वार पर अशोक की पत्तियों से बनी वंदनवार लगाएं। ऐसा करने से घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में सब मंगल ही मंगल रहता है।
– घर के प्रत्येक कोने में देवी-देवताओं के चित्र या मूर्ति रखने के बजाय ईशान, उत्तर या पूर्व दिशा में पूजा स्थल बनाकर पूजा करें।
-घर की छत, बालकनी या सीढ़ी के नीचे कभी भी कबाड़ भरकर न रखें। घर में गाड़ी रखने के लिए दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे शुभ होती है। वहीं इसी दिशा में ओवरहेड टैंक बनवाएं।
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