नासा के हबल टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में एक हैरान करने वाली घटना देखी है। वैज्ञानिकों ने पाया कि एक ग्रह जो अपने तारे की परिक्रमा कर रहा था, उसका वातावरण अचानक गायब हो गया। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यह तारे से निकले रेडिएशन के कारण हुआ है। यह ग्रह प्रणाली हमारे सौरमंडल के बाहर है।
हबल स्पेस टेलीस्कोप ने सौरमंडल के बाहर के एक नजदीक के ग्रह को देखा है। इस दौरान एक हैरान करने वाली घटना देखने को मिली। हबल ने पाया कि इस ग्रह का वायुमंडल उसके सूर्य से निकले धमाके के कारण नष्ट हो गया। यह घटना दिखाती है कि एक तारा कितना खतरनाक हो सकता है। पिछली बार जब हबल ने इस ग्रह को देखा था तब इसमें कुछ भी अलग नहीं दिखा था। यह एक लाल बौना तारा है, जिसे एयू माइक्रोस्कोपी या एयू माइक कहा जाता, जो सौरमंडल से बाहर 32 प्रकाश वर्ष दूर स्थित होता है। खगोलीय घटनाओं में 32 प्रकाश वर्ष बेहद कम दूरी मानी जाती है। नासा वैज्ञानिकों ने अब तक जिन ग्रह प्रणालियों को खोजा है, यह उनमें से सबसे युवा है। यह तारा 10 करोड़ वर्ष से भी छोटा है। जो हमारी पृथ्वी के 4.6 अरब वर्ष पुराने सूर्य की आयु में एक छोटा अंश है। इस ग्रह प्रणाली को नासा के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप और ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट ने 2020 में खोजा था। टेलीस्कोप इस तारे को देख रहे थे, तब उन्होंने इसके प्रकाश में गिरावट देखी। ऐसे में उन्हें पता चला कि उसके सामने से एक गैसीय ग्रह गुजरा है।
वातावरण ही खत्म हो गया
इस ग्रह का नाम एयू माइक बी रखा गया, जिसे बाद में हबल टेलीस्कोप ने देखा। हबल टेलीस्कोप ने पाया कि यह 8.46 दिन में अपने तारे का एक चक्कर पूरा करता है। इस दौरान सबकुछ सामान्य लग रहा था। अब जब टेलिस्कोप ने इस ग्रह प्रणाली को एक बार फिर देखा तो वैज्ञानिक हैरान हो गए। वैज्ञानिकों ने पाया कि यह ग्रह अपने सूर्य के रेडिएशन का खामियाजा भुगत रहा है। सूर्य के धमाके इस ग्रह के हाइड्रोजन वातावरण को वाष्पित कर रहे हैं। इस सिस्टम में अभी तक दो ग्रहों का पता चला है।
विज्ञानियों ने क्या कहा
ग्रह के वायुमंडल के नष्ट होने से जुड़ा अध्ययन द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित होगा। इस अध्ययन लेखक केघली रॉकक्लिफ ने कहा, ‘हमने कभी नहीं देखा कि जब किसी ग्रह का वायुमंडल अचानक इतना गायब हो जाए कि उसका पता ही न चल सके।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें इसके बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन यह अजीब निकला। जब मैंने पहली बार इसे देखा तो मैं मान ही नहीं सका।’ लाल बौने हमारी आकाशगंगा में सबसे आम तौर पर मिलने वाले तारे हैं।
अंतरिक्ष में हो गया ग़ज़ब !
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