SSKM : मर कर भी लोगों को दे गया जीवन दान | Sanmarg

SSKM : मर कर भी लोगों को दे गया जीवन दान

हार्ट, लीवर और किडनी समेत 7 अंगों का किया गया दान
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एक व्यक्ति की मौत के बाद परिवार के लोगों ने मौत के दुःख काे किनारे कर मृतक के अंगों को दान देने का निर्णय लिया। परिवार के लोगों की इस पहल के कारण 7 लोगों को नया जीवन मिल सकेगा। एक दिहाड़ी मजदूर ने 7 लोगों की जान बचायी। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में अंग दान की एक अलग मिसाल पेश हुई। ब्रेन डेथ एक दिहाड़ी मजूदर के हार्ट, लीवर, किडनी समेत विभिन्न अंगों से 7 लोगों का जीवन बचेगा।
हावड़ा के राजापुर के रहने वाले व पेशे से दिहाड़ी मजदूर हरिपद राणा (43) गत 9 जुलाई को सड़क हादसे का शिकार हो गये थे। एसएसकेएम के ट्रॉमा केयर में उनका इलाज चल रहा था। गत शुक्रवार की शाम उन्हें ब्रेन डेथ घो​षित कर दिया गया। डॉक्टरों ने परिवार के लोगों को ब्रेन डेथ के बारे में बताया और अंग दान करने का प्रस्ताव दिया। शोक संतप्त परिवार तुरंत अंग दान के लिये राजी हो गया। ब्रेन डेथ मरीज के परिवार के राजी होने के बाद एसएसकेएम के डॉक्टरों ने और देरी नहीं की।
नारायणा अस्पताल में किया गया हार्ट ट्रांसप्लांट
शनिवार की तड़के एसएसकेएम से नारायणा अस्पताल तक 6 कि.मी. ग्रीन कॉरिडोर कर हरिपद राणा का हार्ट लेकर हावड़ा के नारायणा अस्पताल में ले जाया गया। कोलकाता पुलिस के सहयोग से हार्ट सही समय पर अस्पताल में पहुंच गया जहां कल्लोल कुमार चौधरी (57) के शरीर में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद कल्लोल चौधरी की हालत स्थिर है। कल्लोल एक स्कूल में क्लर्क हैं। उन्हें हार्ट की गंभीर बीमारी थी और वर्ष 2014 में बाईपास सर्जरी भी की गयी थी। वर्ष 2022 में किसी अस्पताल में उनका एआईसीडी इम्प्लांट भी किया गया था। अस्पताल में डॉ. देवाशिष दास, डॉ. निलांजन दत्ता और डॉ. प्रदीप नारायण की टीम ने हार्ट ट्रांसप्लांट किया।
इधर, ब्रेन डेथ हरिपद राणा की दो किडनियों का एसएसकेएम में दो मरीजों के शरीर में प्रतिस्थापन किया गया। इसके साथ ही कॉर्निया, त्वचा व टिशू का संरक्षण अस्पताल में ही किया गया है। इससे पहले भी कई बार ब्रेन डेथ होने के बाद विभिन्न अंगों के दान का उदाहरण कोलकाता ने दिया है।

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