कोलकाता : दक्षिण कोलकाता में हर साल की तरह इस साल भी एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल बनाया जा रहा है। कहीं की थीम आकर्षक है तो कहीं की भव्य प्रतिमा। सभी दुर्गा पूजा आयोजक मां की प्रतिमा काे आखिर रूप देने में लगे हैं। इस दौरान सन्मार्ग की टीम ने मुदियाली क्लब, समाज सेवी संघ क्लब, हिंदुस्तान पार्क सार्वजनिक दुर्गोत्सव से लेकर कई पूजा पंडालों का दौरा किया और यह जानने की कोशिश की कि इस बार क्या खास लोगों को देखने को मिलेगा। ऐसे में कहीं की थीम तो कहीं की भव्य प्रतिमा बेहद मनमोहक लग रही है।
यह पंडाल कृषक जीवन से जुड़े रहने का देगा संदेश : समाज सेवी संघ क्लब ने भी इस बार थीम अलग करने की कोशिश की है। इस साल ‘कर्सन’ यानी खेत के तर्ज पर बनाया जा रहा है। इस पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा की साज सज्जा धान और उसकी पुआल से किया जा रहा है। यहां की सजावट बेहद आकर्षक दिख रही है। क्लब के सेक्रेटरी अभिजीत मैत्री ने बताया कि यह पूजा कमेटी इस वर्ष 79वें वर्ष का पालन कर रही है। इस बार की खास बात यह है कि इस पूरे पूजा पंडाल के माध्यम से खेत और मिट्टी से बने घर को देखकर इसे अनुभव किया जा सकता है। असली का यह प्रतित होता है। इसके माध्यम से लाेगों को यह संदेश दिया जाएगा कि पर्यवरण और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए।
एक तरफ युद्ध और दूसरी तरह पूजा का उत्सव : हिंदुस्तान पार्क सार्वजनिक दुर्गोउत्सव का इस साल थीम ‘कलपो ऋतु गलपो गाथा’ के तर्ज पर बनाया गया है।
इस थीम को एलईडी लाइट के माध्यम से यह दिखाया जाएगा कि देश-विदेश में हो रहे युद्ध को छोड़कर लोग उत्सव में शामिल हो रहे है, इसी के तर्ज पर पूरे पंडाल को सजाया जा रहा है। इस दौरान क्लब की ओर से डाॅ. अर्जीत राय चौधरी ने बताया कि यह पूजा कमेटी इस साल 94वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। इस साल का बजट 35 लाख है जो पिछले साल की तुलना में अधिक है। वहीं खास बात यह है कि लाइट के जरिए यह दर्शाया जाएगा कि जहां एक तरफ लोग युद्ध व राजनीतिक को छोड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर उत्सव में शामिल हो रहे हैं।
‘त्रैमात्रिक’ थीम को लेकर तैयारी चल रही है मुदियाली क्लब में
मुदियाली क्लब में इस साल त्रैमात्रिक थीम के जरिए पूरे पूजा पंडाल को दर्शाया जा रहा है। ऐसे में क्लब के सेक्रेटरी मनोज साव ने बताया कमेटी की ओर से इस साल 90वें वर्ष का पालन किया जा रहा है। इस पूरे पंडाल का बजट 55 लाख है जो पिछले साल की तुलना में कम है। उन्होंने बताया कि इस थीम के माध्यम से यह दर्शाया जा है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश ये तीनों देवताओं के वरदान से मां दुर्गा की उत्पत्ति हो रही है। इसी के तर्ज पर पूरे पूजा पंडाल को दर्शाया जा रहा है और खास बात यह है कि यहां हर साल प्रतिमा एक जैसी होती है, लेकिन पंडाल का थीम अलग रहता है।