Pitru Paksha 2024 : श्राद्ध पक्ष के दौरान क्या करें और क्या न करें? जानें सबकुछ | Sanmarg

Pitru Paksha 2024 : श्राद्ध पक्ष के दौरान क्या करें और क्या न करें? जानें सबकुछ

कोलकाता : पितृ पक्ष का समय पितरों और पूर्वजों की आत्माओं की शांति और मुक्ति के लिए समर्पित होता है। यह विशेष पर्व हर साल भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से शुरू होता है और सर्व पितृ अमावस्या तक चलता है। इस दौरान अनुष्ठान, पूजा और व्रत किए जाते हैं, जो परिवार की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

पितृ पक्ष 2024 कब शुरू होगा?

पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से शुरू होकर 02 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। यह समय पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके लिए पुण्य कार्य करने का होता है।
पितरों को जल अर्पित करने का सही समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितरों को जल अर्पित करने का सबसे अच्छा समय दोपहर 11:30 से 12:30 बजे के बीच होता है।

पितृ पक्ष का महत्व

पितृ पक्ष हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें लोग अपने पितरों की शांति के लिए श्राद्ध करते हैं। यह 16 दिनों तक चलता है और इस दौरान श्रद्धांजलि देने का विशेष महत्व होता है। इस समय किए गए श्राद्ध और पिंडदान से पितरों को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान क्या करें?

तर्पण और श्राद्ध: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंड दान, अन्न दान, और जल दान करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराना: ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना पुण्यकारी माना जाता है।
पूर्वजों की याद: अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान दिखाएं।
गौ माता की सेवा: गौ माता की सेवा करना और उन्हें भोजन कराना भी महत्वपूर्ण है।
अच्छे कर्म करें: सदाचार और अच्छे कर्मों का पालन करें।
पितृ पक्ष के दौरान क्या न करें?
मांसाहार और मदिरा का सेवन: इस समय मांस और मदिरा का सेवन न करें।
नकारात्मकता से बचें: घर में शांति और सकारात्मकता बनाए रखें।
धार्मिक नियमों का पालन करें: अनुष्ठान और पूजा की अनदेखी न करें।
दान-पुण्य में लापरवाही: पितरों के लिए दान-पुण्य करना न छोड़ें।

पितृ पक्ष का समय न केवल पितरों के लिए, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों के लिए पुण्य और समृद्धि लाने का अवसर है। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों और श्रद्धांजलियों से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि परिवार में भी खुशहाली बनी रहती है।

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