…ताकि मेट्रो कर्मियों को ना हो मानसिक दिक्कत | Sanmarg

…ताकि मेट्रो कर्मियों को ना हो मानसिक दिक्कत

रेलवे ने मेट्रो मोटरमैन के परिवार के सदस्यों के साथ वर्कशॉप का आयोजन किया
कोलकाता : महानगर में मेट्रो का नेटवर्क बढ़ने के साथ ही मेट्रो रेल कर्मियों पर दबाव बढ़ रहा है। यूनियनों की शिकायत है कि मेट्रो में मोटरमैन कम हैं ऐसे में मेट्रो रूट पर ड्राइवरों को मानसिक तनाव ना हो इसके लिए रेलवे ने मोटरमैन और उनके परिवार के सदस्यों के लिये एक वर्कशॉप आयोजित की। मेट्रो रेल चालक अतिरिक्त कार्यभार से निराश हैं। इसके बाद अगर उनके घर लौटने के बाद उन्हें पर्याप्त आराम नहीं मिलेगा तो उन्हें मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। एक छोटी सी गलती बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसलिए मोटरमैन और उनके परिजनों के लिए काउंसलिंग सेशन का आयोजन किया गया है। मेट्रो अधिकारी तनाव कम करने के लिए ड्राइवरों को नियमित रूप से योग और ध्यान करने की सलाह दे रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि ट्रेन चलाने के लिए ड्राइवरों को मानसिक तनाव से मुक्त होना होगा। क्योंकि उनके काम के लिए स्थिर मन, गहरी एकाग्रता की आवश्यकता होती है। ट्रेन के सामने ट्रैक देखने के साथ-साथ उन्‍हें सिग्नल भी देखना होता है। क्षणिक विस्मृति एक बड़ा ख़तरा हो सकती है।

 

 

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