मेट्रो सर्विस की सेवा विस्तार के आवेदन पर विचार करे रेलवे : चीफ जस्टिस
कोलकाता : मेट्रो सेवा का विस्तार करने की अपील करते हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई है। चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्या के डिविजन बेंच ने रेलवे से इस पीआईएल पर विचार करने का आदेश दिया है। इसमें अपील की गई है कि रात्रि की अंतिम मेट्रो का समय कम से कम 45 मिनट के लिए बढ़ा दिया जाए।एडवोकेट अनामिका पांडे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डिविजन बेंच ने कहा है कि मेट्रो सेवा के बाबत रेलवे के अधिकारी ही फैसला ले सकते हैं, क्योंकि उनके पास ही इसकी विशेषज्ञता है। कोर्ट इस मामले में कोई दखल नहीं दे सकता है। कोर्ट ने रेलवे के अधिकारियों को इस बाबत विचार करने का आदेश दिया है। इसमें अपील की गई है कि मेट्रों की अंतिम सेवा 10.30 बजे रखी जाए। यानी अंतिम ट्रेन की समयसीमा में 45 मिनट का विस्तार किया जाए। इसमें कहा गया है कि कोलकाता में रात को अंतिम मेट्रो 9.40 बजे चलती है जबकि अन्य शहरों में रात ग्यारह बजे तक मेट्रो चलती है। आकाश शर्मा की तरफ से यह पीआईएल दायर की गई है। एडवोकेट तमाल सिंह राय ने इस मामले में पैरवी करते हुए कहा कि अगर समय का विस्तार किया जाता है तो छात्र-छात्राओं के साथ ही कामकाज करने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि यह एक नीतिगत मामला है और पीआईएल दाखिल करके इस बाबत फैसला नहीं लिया जा सकता है। बहरहाल डिविजन बेंच ने रेलवे को इस पर विचार करने का आदेश दिया है।