

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड उद्योग ने 2025 में अपनी तेजी जारी रखते हुए परिसंपत्ति आधार में रिकॉर्ड 14 लाख करोड़ रुपये जोड़े। खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी तथा व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में रिकॉर्ड निवेश से कुल प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) नवंबर तक बढ़कर 81 लाख करोड़ रुपये हो गईं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वेंकट चालसानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उद्योग का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। निरंतर एसआईपी निवेश विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी की भरपाई कर रहे हैं और बाजार की मजबूती को सहारा दे रहे हैं।
भविष्य में फंड प्रवाह का रुख बदलेगा
उन्होंने कहा कि भविष्य में फंड प्रवाह का रुख मूल्यांकन और वैश्विक घटनाक्रमों से तय होगा जिसमें निवेशक बड़े शेयर (लार्ज-कैप), विविधीकृत और हाइब्रिड रणनीतियों को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में शुद्ध निवेश प्रवाह सात लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं निवेशक आधार में 3.36 करोड़ की तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। केवल एसआईपी के जरिये ही करीब तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इन प्रवाहों से उद्योग का एयूएम 2024 के अंत में 67 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर नवंबर 2025 के अंत तक 81 लाख करोड़ रुपये हो गया। यानी इसमें 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
5 साल में 50 लाख करोड़ रुपये जोड़े
यह वृद्धि दर हालांकि 2024 की 31 प्रतिशत और 2023 की 27 प्रतिशत की तुलना में कम रही लेकिन दीर्घकालिक रुझान अब भी मजबूत बना हुआ है। उद्योग ने 2022 में सात प्रतिशत और 2021 में लगभग 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। पिछले पांच वर्ष में कुल मिलाकर परिसंपत्ति आधार में 50 लाख करोड़ रुपये जोड़े हैं। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में अनुसंधान के प्रधान प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि 2025 में एयूएम में तेज वृद्धि का कारण मजबूत शेयर बाजार प्रदर्शन और एसआईपी के माध्यम से लगातार खुदरा भागीदारी रही।
निवेश की मूल भावना में आया है बदलाव
उन्होंने कहा, “घरेलू बचत का लगातार वित्तीयकरण, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों की बढ़ती संख्या और म्यूचुअल फंड को एक पारदर्शी एवं अच्छी तरह विनियमित निवेश विकल्प के रूप में बढ़ती प्राथमिकता ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई।” चालसानी ने कहा, “मध्यम से दीर्घ अवधि में बढ़ती वित्तीय जागरूकता, महानगरों से बाहर खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और एसआईपी को लगातार अपनाया जाना उद्योग की स्वस्थ, मजबूत एवं व्यापक वृद्धि को समर्थन देता रहेगा।” इसके साथ ही, म्यूचुअल फंड उद्योग ने एयूएम में लगातार 13वें साल वृद्धि दर्ज की है।
दो वर्षों तक म्यूच्यूअल फंड में थी गिरावट
इससे पहले पिछले दशक में दो वर्षों तक गिरावट देखी गई थी। यह दीर्घकालिक निवेश की ओर संरचनात्मक बदलाव को दर्शाता है। इस गति को मुख्य रूप से इक्विटी योजनाओं में खासकर एसआईपी के माध्यम से, लगातार निवेश से समर्थन मिला। इस उद्योग की 49 कंपनियों में नवंबर तक 2025 में कुल सात लाख करोड़ रुपये का निवेश आया जिसे इक्विटी फंड, आर्बिट्राज फंड, इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में मजबूत निवेश रुचि का समर्थन मिला।
बाजार का प्रदर्शन मजबूत विश्वास से संभव
श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रवाह मुख्य रूप से मजबूत एसआईपी निवेश और भारत की दीर्घकालिक वृद्धि गाथा में निरंतर विश्वास से संभव हुआ। बाजार प्रदर्शन ने भी निवेशकों की धारणा को समर्थन दिया। 2025 में निफ्टी 50 में 8.4 प्रतिशत और बीएसई सेंसेक्स में लगभग 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इक्विटी-उन्मुख योजनाओं में शुद्ध निवेश 3.53 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अनुशासित और दीर्घकालिक निवेश की ओर संरचनात्मक बदलाव को दर्शाता है।
एसआईपी निवेश प्रवाह की रीढ़ बने रहे। सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में यह लगातार 29,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहा और अक्टूबर में रिकॉर्ड 29,529 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा, 2025 में एसआईपी के माध्यम से सालाना निवेश 3.03 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।