ब्लिंकिट के CFO विपिन कपूरिया ने दिया इस्तीफा, क्या इटरनल के शेयरों पर पड़ेगा असर?

कपूरिया फ्लिपकार्ट के पूर्व कार्यकारी रह चुके हैं और एक साल पहले की ब्लिंकइट के साथ जुड़े थे।
ब्लिंकिट के CFO विपिन कपूरिया ने दिया इस्तीफा, क्या इटरनल के शेयरों  पर पड़ेगा असर?
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नई दिल्ली: इटर्नल के स्वामित्व वाली त्वरित वाणिज्य कंपनी ब्लिंकइट के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) विपिन कपूरिया ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कपूरिया ब्लिंकइट से ‘‘अलग हो गए हैं।’’ हालांकि, इस संबंध में ब्लिंकइट या उसकी मूल कंपनी इटर्नल की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया। कपूरिया फ्लिपकार्ट के पूर्व कार्यकारी रह चुके हैं और एक साल पहले की ब्लिंकइट के साथ जुड़े थे।

ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज

कपूरिया ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है और कंपनी की प्रतिद्वंद्वी जेप्टो ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से 11,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं। खबरों के मुताबिक, फ्लिपकार्ट भी अगले साल सूचीबद्ध होने की तैयारी में है। आज इटरनल के शेयर लगभग 1.65% की गिरावट के साथ 277.10 पर बंद हुए।

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सीएफओ कौन होता है?

सीएफओ (CFO) का पूरा नाम चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर या हिंदी में मुख्य वित्तीय अधिकारी होता है। यह किसी कंपनी या संगठन का एक उच्च पदाधिकारी होता है, जो वित्तीय विभाग का प्रमुख होता है। सीएफओ सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के बाद कंपनी का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है। वह कंपनी की सभी वित्तीय गतिविधियों की जिम्मेदारी संभालता है।

सीएफओ के मुख्य कार्य

सीएफओ का मुख्य काम कंपनी की वित्तीय स्वास्थ्य को बनाए रखना और विकास करना होता है। इसमें वित्तीय योजना बनाना, बजट तैयार करना, नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) पर नजर रखना, वित्तीय जोखिमों का प्रबंधन करना और निवेश निर्णय लेना शामिल है। वह वित्तीय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करता है, कर अनुपालन देखता है और कंपनी की मजबूतियों-कमजोरियों का विश्लेषण करता है।

रणनीतिक भूमिका

आधुनिक सीएफओ सिर्फ लेखा-जोखा नहीं देखते, बल्कि कंपनी की रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अधिग्रहण, विलय और पूंजी जुटाने जैसे बड़े फैसलों में सीईओ का साथ देते हैं। डेटा विश्लेषण और तकनीक का उपयोग कर कंपनी के भविष्य को मजबूत बनाते हैं।सीएफओ बनने के लिए वित्त, लेखा या एमबीए की डिग्री और वर्षों का अनुभव जरूरी होता है। यह पद कंपनी की सफलता की कुंजी होता है।

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