अदाणी समूह करेगी एक और कंपनी का अधिग्रहण

जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए कंपनी ने 14,535 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्रस्ताव में प्रतिद्वंद्वी बोली दाताओं की तुलना में अधिक बोली लगाई
अदाणी समूह करेगी एक और कंपनी का अधिग्रहण
Published on

नई दिल्ली: अदाणी समूह को जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए कर्जदाताओं की मंजूरी मिल गयी है। कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने अदाणी समूह के पक्ष में वोट किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कंपनी के 14,535 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्रस्ताव में प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं की तुलना में शुरुआत में अधिक भुगतान शामिल है।

कर्जदाताओं की एक समिति ने अदाणी समूह, वेदांता लिमिटेड और डालमिया सीमेंट (भारत) सहित दावेदारों द्वारा प्रस्तुत समाधान योजनाओं (अधिग्रहण प्रस्तावों) पर मतदान किया। उन्होंने बताया कि अदाणी को ऋणदाताओं से सबसे अधिक 89 प्रतिशत वोट मिले। उसके बाद डालमिया सीमेंट (भारत) और वेदांता समूह का स्थान रहा।

इस प्रक्रिया में नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (NRCL) की सबसे बड़ी भूमिका थी क्योंकि उसके पास ऋणदाताओं की समिति के लगभग 86 प्रतिशत वोटिंग शेयर हैं। भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित ऋणदाताओं के एक छोटा समूह मतदान से दूर रहा। इस समूह की कुल मिलाकर सीओसी के मतों में तीन प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी है।

सूत्रों ने बताया कि कर्जदाताओं ने अदाणी की योजना को मुख्य रूप से इसलिए पसंद किया क्योंकि इसमें प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों की तुलना में काफी ज्यादा अग्रिम भुगतान की पेशकश की गई थी। बंदरगाह से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़े इस समूह ने कुल योजना मूल्य (TPV) 14,535 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है। इसमें 6,005 करोड़ रुपये अग्रिम और 6,726 करोड़ रुपये दो साल बाद देय होंगे। शुद्ध वर्तमान मूल्य के लिहाज से, यह प्रस्ताव लगभग 12,000 करोड़ रुपये का बैठता है।

वेदांता ने 3,800 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान और पांच वर्षों में 12,400 करोड़ रुपये के स्थगित भुगतान की पेशकश की। इससे उसका कुल योजना मूल्य 16,726 करोड़ रुपये बैठता है। इस बारे में संपर्क किये जाने पर, वेदांता के प्रवक्ता ने कहा, ‘सीओसी पर मतदान इसी सप्ताह हो रहा है और हमें विश्वास है कि सीओसी जनहित में निर्णय लेगी। वेदांता एक वृद्धि उन्मुख कंपनी है, जो सदैव अवसरों और तालमेल की तलाश में रहती है। हमारा दृष्टिकोण अनुशासित है और हम मूल्य सृजन तथा दीर्घकालिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं।’

जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेएएल) को पिछले साल जून में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में शामिल किया गया था। कंपनी ने कुल 57,185 करोड़ रुपये के ऋणों का भुगतान नहीं किया था, जिसके बाद उसे दिवाला प्रक्रिया में लाया गया। कंपनी के पास उच्च गुणवत्ता वाली संपत्तियों के अलावा रियल एस्टेट, सीमेंट विनिर्माण, होटल, बिजली और इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्र में वाणिज्यिक हित हैं। जेएएल ने जून में घोषणा की थी कि उसे बयाना राशि के साथ पांच बोलियां प्राप्त हुई हैं। इनमें वेदांता, अदाणी एंटरप्राइजेज, डालमिया सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल हैं।

जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा (दोनों राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में) और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं, जो निर्माणधीन जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास रणनीतिक रूप से स्थित हैं। सूत्रों ने बताया कि सीओसी ने समाधान योजनाओं का मूल्यांकन किया। अदाणी एंटरप्राइज लि. की समाधान योजना को सबसे ज्यादा वोट मिले। उसके बाद डालमिया सीमेंट (भारत) और वेदांता लिमिटेड का स्थान रहा।

यह समझा जाता है कि डालमिया की योजनाओं में भुगतान जेएएल और विकास प्राधिकरण (WIDA) के बीच लंबित मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर है। अदाणी समूह दो वर्षों के भीतर ऋणदाताओं को भुगतान की पेशकश कर रहा है। जबकि वेदांता अगले पांच वर्षों में भुगतान की पेशकश कर रहा है। इस वर्ष अप्रैल में, 25 कंपनियों ने जेएएल के अधिग्रहण में रुचि दिखाई थी। हालांकि, जून में, जेएएल ने घोषणा की कि उसे दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी के अधिग्रहण के लिए इन पांच कंपनियों से बयाना राशि के साथ बोलियां प्राप्त हुई हैं। वित्तीय दबाव और दिवाला कार्यवाही ने जेएएल के व्यवसायों को प्रभावित किया।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in