राजभवन के सामने 4 घंटे तक धरना दे सकते हैं शुभेंदु, कलकत्ता हाईकोर्ट में हुई सुनवाई | Sanmarg

राजभवन के सामने 4 घंटे तक धरना दे सकते हैं शुभेंदु, कलकत्ता हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

कोलकाता: राजभवन के सामने धरना देने को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में आज बुधवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए BJP नेता शुभेंदु अधिकारी को धरना देने की इजाजत दे दी। शुभेंदु राजभवन के सामने चार घंटे तक धरने पर बैठ सकते हैं। राज्य सरकार ने अदालत को यह जानकारी दी। इसके बाद अदालत ने इसपर मुहर लगाई। बता दें कि BJP यह धरना 14 जुलाई को दे सकती है। कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि उन्हें निश्चित दिनों और निश्चित समय पर भाजपा के शांतिपूर्ण कार्यक्रमों पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने धरने की इजाजत दे दी।

आज बुधवार(03 जुलाई) को कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस अमृता सिन्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई हुई। राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि अगर शुभेंदु रविवार 14 जुलाई को सुबह 10 बजे से राजभवन के सामने धरने पर बैठते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। धरना चार घंटे तक दिया जा सकता है।  कोर्ट ने कहा कि शुभेंदु उस दिन तय जगह पर कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। जस्टिस सन्हा के मुताबिक धरने में अधिकतम 300 लोगों को शामिल किया जा सकता है।

कोर्ट ने इन शर्तों को मानने को कहा
कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। वहां किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यहां तक ​​कि धरने से किसी भी तरह की अभद्र टिप्पणी भी नहीं की जा सकेगी। सुभेंदु और उनके साथ कार्यकर्ताओं को कानूनी नियमों का पालन करना होगा। वे इन शर्तों का पालन करते हुए कार्यक्रम कर सकते हैं।

बता दें कि शुभेंदु ने लोकसभा चुनाव बाद बंगाल में हिंसा के पीड़ितों के साथ राजभवन के सामने धरना देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। ममता सरकार ने शुरू में इस पर आपत्ति जताई थी। सुरक्षा कारणों के कारण धरने की इजाजत नहीं दी गई। इसके बाद ये मामला कोलकाता हाईकोर्ट में चला गया। इसके बाद बीजेपी ने कोर्ट को बताया कि अगर उन्हें राजभवन के सामने कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिली तो वे राज्य पुलिस महानिदेशक के कार्यालय के सामने धरने पर बैठना चाहते हैं। बाद में राज्य ने कोर्ट को बताया कि विपक्षी दल के नेता राजभवन के सामने कार्यक्रम कर सकते हैं। राज्य को कार्यक्रम का शेड्यूल तय करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद राज्य सरकार ने कहा कि विपक्षी दल के नेता पिछले रविवार को वह कार्यक्रम कर सकते हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की वजह से बीजेपी रविवार को कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमत नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट ने राज्य से वैकल्पिक दिन के बारे में जानकारी ली।

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इसके बाद राज्य सरकार ने फिर कहा कि शुभेंदु अगले रविवार को राजभवन के सामने कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं, लेकिन विपक्षी नेता उस दिन भी नहीं माने। इस संदर्भ में शुभेंदु के वकील ने कोर्ट को बताया कि अगले रविवार को रथ यात्रा है। इसलिए उस दिन धरना कार्यक्रम नहीं हो सकेगा। कोर्ट ने बताया कि राज्य बुधवार को ही अंतिम दिन की जानकारी दे। इसके बाद राज्य के वकील ने कोर्ट को 14 जुलाई के बारे में बताया। इसके बाद हाईकोर्ट ने 14 जुलाई को धरने की इजाजत दे दी।

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