चंदननगर की लाइटिंग से सजा अयोध्या धाम
हुगली/ अयोध्या : लोकसभा चुनाव में देश में कमल खिलेगा की नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन रामलला की नगरी अयोध्या में चन्दननगर की दुधिया रौशनी का कमल साल के पहले महीने में खिलने जा रहा है। केवल अयोध्या ही नहीं बल्कि चंदननगर की लाइटिंग का तिलिस्म देश भर से अयोध्या आने वाले लाखों लोग देखेंगे। चंदननगर के स्थानीय कारीगर मनोज साहा को राम मंदिर के लाइटिंग की जिम्मेदारी प्राप्त हुई है। टेंडर की मंजूरी के साथ ही मनोज और उनके साथी कारीगर समय पर लाइटिंग के कार्य को पूरा करने के लिए दोगुनी रफ्तार से कार्य कर रहे हैं। शनिवार की शाम चन्दननगर के 75 कारीगर तैयार हो चुकी लाइटिंग बोर्ड को लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए। पिछले कुछ वर्षों से, अयोध्या के राम मंदिर के क्षेत्र में दिवाली और धनतेरस के अवसर हुगली जिले के चंदननगर के विद्यालंका के कलाकार मनोज साहा द्वारा तैयार की गई विशेष लाइटिंग बोर्ड से सजाया जा रहा है। उनकी इच्छा थी कि 22 जनवरी को राम मंदिर में श्री राम लला के विराजमान होने के अवसर पर भी अयोध्या धाम में उनके द्वारा तैयार की गई विशेष लाइंटिग बोर्ड को स्थापित किया जाए। पिछले सप्ताह गुरुवार की रात उन्हें मंदिर समिति की ओर से टेंडर मंजूरी की सूचना दी गई। जिसके बाद वह समय पर कार्य को पूरा करने के लिए अपने टीम के साथ जूट गए।
चंदननगर से अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया
शनिवार की शाम तैयार की गई विशेष लाइटिंग को ट्रक पर लाद कर चन्दननगर से अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया। वहीं चंदननगर से 75 कारीगरों की एक विशाल टीम भी अयोध्या के लिए रवाना हुई है जो अयोध्या पहुंच कर मंदिर परिसर और शहर के प्रमूख चौराहों पर लाइटिंग बोर्ड को स्थापित करेंगे। टीम में 50 कारीगर हैं। जबकी अन्य डेकोरेशन और वेल्डिंग का कार्य देखंगे।
एलईडी की जगह स्ट्रिप लाइट का इस्तेमाल
मनोज साहा ने बताया कि लाइंटिग बोर्ड में एलईडी के स्थान पर स्ट्रिप लाइट का इस्तेमाल किया गया है। टेंडर के मुताबिक, राम मंदिर में उद्घाटन के बाद पूरे एक साल लाइटिंग की जाएगी। एलईडी लाइट का इस्तेमाल सिमित समय के लिए किया जाता है। वहीं एलईडी लाइट आंधी और बारिश का दबाव ज्यादा समय तक नहीं झेल सकती। यही वजह है कि एलईडी की जगह स्ट्रिप लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। लोहे से तैयार ढांचों में 300 स्ट्रिप लाइट लगाए गए हैं।
राम तिलक हित मंगल साजा की थीम पर तैयार की गई लाइटिंग
इन विशेष बोर्ड में राम- सीता और हनुमान को लाइटिंग से उजागर किया गया है। बोर्ड की थीम राम के तिलक हित मंगल साजा पर आधारित है। तैयार किए गए बोर्ड 10 किमी के क्षेत्र को कवर करेंगे। प्रत्येक बोर्ड पर राम-तिलक प्रज्वलित होगा। वहीं मंदिर परिसर में लगाए जाने वाले बोर्ड पर राम के जीवन के विभिन्न घटनाओं को लाइटिंग की रौशनी से दर्शाया जायेगा। रोशनी से बनी राम की मूर्ति होगी। मनोज साहा ने कहा कुल 40 हजार वर्ग फुट का काम किया गया है। अयोध्या में सोमवार से चंदननगर से गए बोर्ड को स्थापित किए जाने का कार्य शुरू हो जायेगा और आगामी 21 जनवरी तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। रख-रखाव के लिए अगले एक साल तक दस कारीगर अयोध्या में ही रहेंगे।
लोकसभा चुनाव में देश में कमल खिलेगा की नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन रामलला की नगरी अयोध्या में चन्दननगर की दुधिया रौशनी का कमल साल के पहले महीने में खिलने जा रहा है। केवल अयोध्या ही नहीं बल्कि चंदननगर की लाइटिंग का तिलिस्म देश भर से अयोध्या आने वाले लाखों लोग देखेंगे। चंदननगर के स्थानीय कारीगर मनोज साहा को राम मंदिर के लाइटिंग की जिम्मेदारी प्राप्त हुई है। टेंडर की मंजूरी के साथ ही मनोज और उनके साथी कारीगर समय पर लाइटिंग के कार्य को पूरा करने के लिए दोगुनी रफ्तार से कार्य कर रहे हैं। शनिवार की शाम चन्दननगर के 75 कारीगर तैयार हो चुकी लाइटिंग बोर्ड को लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए। पिछले कुछ वर्षों से, अयोध्या के राम मंदिर के क्षेत्र में दिवाली और धनतेरस के अवसर हुगली जिले के चंदननगर के विद्यालंका के कलाकार मनोज साहा द्वारा तैयार की गई विशेष लाइटिंग बोर्ड से सजाया जा रहा है। उनकी इच्छा थी कि 22 जनवरी को राम मंदिर में श्री राम लला के विराजमान होने के अवसर पर भी अयोध्या धाम में उनके द्वारा तैयार की गई विशेष लाइंटिग बोर्ड को स्थापित किया जाए। पिछले सप्ताह गुरुवार की रात उन्हें मंदिर समिति की ओर से टेंडर मंजूरी की सूचना दी गई। जिसके बाद वह समय पर कार्य को पूरा करने के लिए अपने टीम के साथ जूट गए।
चंदननगर से अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया
शनिवार की शाम तैयार की गई विशेष लाइटिंग को ट्रक पर लाद कर चन्दननगर से अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया। वहीं चंदननगर से 75 कारीगरों की एक विशाल टीम भी अयोध्या के लिए रवाना हुई है जो अयोध्या पहुंच कर मंदिर परिसर और शहर के प्रमूख चौराहों पर लाइटिंग बोर्ड को स्थापित करेंगे। टीम में 50 कारीगर हैं। जबकी अन्य डेकोरेशन और वेल्डिंग का कार्य देखंगे।
एलईडी की जगह स्ट्रिप लाइट का इस्तेमाल
मनोज साहा ने बताया कि लाइंटिग बोर्ड में एलईडी के स्थान पर स्ट्रिप लाइट का इस्तेमाल किया गया है। टेंडर के मुताबिक, राम मंदिर में उद्घाटन के बाद पूरे एक साल लाइटिंग की जाएगी। एलईडी लाइट का इस्तेमाल सिमित समय के लिए किया जाता है। वहीं एलईडी लाइट आंधी और बारिश का दबाव ज्यादा समय तक नहीं झेल सकती। यही वजह है कि एलईडी की जगह स्ट्रिप लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। लोहे से तैयार ढांचों में 300 स्ट्रिप लाइट लगाए गए हैं।
राम तिलक हित मंगल साजा की थीम पर तैयार की गई लाइटिंग
इन विशेष बोर्ड में राम- सीता और हनुमान को लाइटिंग से उजागर किया गया है। बोर्ड की थीम राम के तिलक हित मंगल साजा पर आधारित है। तैयार किए गए बोर्ड 10 किमी के क्षेत्र को कवर करेंगे। प्रत्येक बोर्ड पर राम-तिलक प्रज्वलित होगा। वहीं मंदिर परिसर में लगाए जाने वाले बोर्ड पर राम के जीवन के विभिन्न घटनाओं को लाइटिंग की रौशनी से दर्शाया जायेगा। रोशनी से बनी राम की मूर्ति होगी। मनोज साहा ने कहा कुल 40 हजार वर्ग फुट का काम किया गया है। अयोध्या में सोमवार से चंदननगर से गए बोर्ड को स्थापित किए जाने का कार्य शुरू हो जायेगा और आगामी 21 जनवरी तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। रख-रखाव के लिए अगले एक साल तक दस कारीगर अयोध्या में ही रहेंगे।