नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को संसद में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की सराहना करते हुए इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय बताया। संविधान सभा के केंद्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि महिलाओं के आरक्षण से संबंधित यह कानून लोकतंत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण का नया युग शुरू करेगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान का निर्माण वर्षों की तपस्या, त्याग और देश की विविधता को एक सूत्र में बांधने की क्षमता का परिणाम है।”
VIDEO | President Droupadi Murmu (@rashtrapatibhvn) leads the ceremonial reading of the Preamble after her address to the joint sitting of both Houses of Parliament in the historic Central Hall of Samvidhan Sadan. #ConstitutionDay2024
(Source: Third Party)
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— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2024
क्या है नारी शक्ति वंदन अधिनियम?
यह कानून लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करता है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए भी इस कोटे के तहत 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे नई संसद में पेश किया और इसे महिलाओं की नीति-निर्माण में भागीदारी बढ़ाने का अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
….रिया सिंह