नई दिल्ली: आज, 9 नवंबर को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ का सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कार्य दिवस था। अगले दिन यानी 10 नवंबर को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। विदाई समारोह के दौरान, भावुक होते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “हम सभी यहां यात्रियों की तरह हैं, जो कुछ समय के लिए आते हैं, अपना काम करते हैं और फिर चले जाते हैं। कोर्ट का यह संस्थान हमेशा चलता रहेगा और इसमें विभिन्न विचारों वाले लोग आते रहेंगे।”
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की भावना और आभार
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने विदाई समारोह में भावुक होते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के कामकाजी वातावरण से प्रेरित रहे हैं। उन्होंने बताया, “जब मैं छोटा था, तो सुप्रीम कोर्ट में आकर यहां की कार्यवाही देखता था। बॉम्बे हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति चागला का प्रभाव भी मुझे बहुत प्रेरित करता था।” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा, “मुझे यकीन है कि मेरे बाद न्यायमूर्ति खन्ना इस संस्थान को मजबूती और गरिमा के साथ आगे बढ़ाएंगे।” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान सीखे गए अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जीवन का नया दृष्टिकोण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी मामला पहले के मामलों जैसा नहीं होता और यदि उन्होंने कोर्ट में किसी को तकलीफ पहुंचाई हो तो वह माफी चाहते हैं।
कपिल सिब्बल ने की न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सराहना
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने विदाई समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के कामकाजी गुणों की सराहना की। उन्होंने कहा, “जैसा कि हम सब जानते हैं, हम किसी भी जज की आलोचना कर सकते हैं, क्योंकि संपूर्णता नाम की कोई चीज नहीं होती, लेकिन न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का मूल्यांकन हम उनके निर्णयों, सादगी, धैर्य और महान जज के रूप में करेंगे।” कपिल सिब्बल ने आगे कहा, “न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ जटिल और विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए तत्पर रहते थे, जिन्हें पहले के मुख्य न्यायाधीश सालों तक नहीं सुलझा पाए थे, जैसे कि अनुच्छेद 370 और चुनावी बांड के मामलों को उन्होंने बड़ी स्पष्टता के साथ सुलझाया।”
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। 13 मई 2016 को उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय से पदोन्नत कर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय दिए, जिनसे भारतीय न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को और बल मिला। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल न्यायपालिका के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक रहा है, जिसमें उन्होंने न्यायिक स्वतंत्रता, संविधान के मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा की। उनकी विदाई के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की नई यात्रा शुरू होगी।
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