कोलकाता : भाजपा विधायकों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा से वॉकआउट किया। भाजपा विधायकों ने महंगाई की निंदा करते हुए तख्तियां लेकर विधानसभा के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन किया।महंगाई पर बीजेपी विधायकों ने सदन में प्लास्टिक की थाली उछाली। खूब हो हल्ला किया। जवाब में कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि केंद्र के कारण महंगाई बढ़ी है। पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, इसी कारण रोजमर्रा की चीजों पर महंगाई की मार पड़ी है। ममता बनर्जी की सरकार के कारण सब्जियों के दाम में कमी आई है। पहले आलू 35 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था अब 28 रुपये प्रति किलो की दर पर बिक रहा है। वहीं प्याज पहले जहां 50 रुपये किलो बिक रहा था वहीं अब 39 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। अन्य राज्यों में पश्चिम बंगाल की अपेक्षा सब्जियों की कीमतें अब भी ज्यादा हैं। सदन में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और मंत्री शोभनदेव में खूब वाद विवाद हुआ। मंत्री ने जब कहा कि आलू प्रति किलो 28 रुपये के भाव से बिक रहा है, तो नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा विधायकों ने उनके इस दावे का विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया। मूल्य वृद्धि और पश्चिम बंगाल सरकार की भूमिका पर भाजपा विधायकों द्वारा लाये गये स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए भाजपा विधायक नरहरि महतो ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी रोकने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सार्वजनिक घोषणा के बावजूद आलू, प्याज और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। यह स्पष्ट है कि मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। राज्य सरकार बिचौलियों की भूमिका पर अंकुश लगाने में विफल रही है। इसका कृषि मंत्री ने विरोध किया। बाद में सदन के बाहर आलू लेकर शुभेंदु अधिकारी ने प्रदर्शन किया। विधायकों ने ‘एतो दाम खाबो की’(इतना अधिक दाम, हम क्या खाएंगे) का नारा लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। अग्निमित्र पॉल ने कहा कि मंत्री आलू का दाम प्रति किलो 27 रुपये होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इसकी वास्तविक कीमत प्रति किलो 40 रुपये से कम नहीं है।
बाद में मंत्री शोभनदेव ने संवाददाताओं के समक्ष स्पष्ट किया कि उनके कहने का मतलब यह था कि आवश्यक वस्तुओं की 600 सरकारी दुकानों (सुफल) में आलू 28 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है और इससे अन्य दुकानों में भी आलू की कीमतें कम करने में मदद मिली है। केंद्र सरकार ने मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए हैं और आवश्यक वस्तु अधिनियम को भी निरर्थक बना दिया है जिससे राज्य के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करना मुश्किल हो गया है।
क्या कहा स्पीकर ने
भाजपा के बहिर्गमन और विरोध के बारे में पूछे जाने पर अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि उनका एक राजनीतिक एजेंडा था। अन्यथा वे बाहर क्यों चले जाते और इस तरह का विरोध प्रदर्शन क्यों करते, जबकि मैंने उन्हें प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दी थी और सदन में चर्चा हुई थी।