कोलकाता : आज 7 मई 2024 को भारत के महान कवि, लेखक, नाटककार, दार्शनिक, संगीतकार और शिक्षाविद रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती मना रहे हैं। गुरुदेव, कविगुरु और विश्वकवि के नाम से जाने जाने वाले टैगोर, नोबेल पुरस्कार विजेता पहले गैर-यूरोपीय थे। उन्होंने न सिर्फ बांग्ला साहित्य और कला को समृद्ध किया, बल्कि भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान भी लिखे। टैगोर ने बचपन से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। बता दे कि टैगोर ने 1879 में अपनी पहली कविता प्रकाशित की थी। टैगोर ने फॉर्मल एजुकेशन के बजाय घर पर ही शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद बांग्ला और अंग्रेजी में कविता, नाटक, उपन्यास, लघुकथाएं, निबंध और यात्रा वृत्तांत लिखे। उनकी रचनाओं में गीतांजलि, गोरखा, गोरा, चंडालिका और रश्मिरथी शामिल हैं। गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। टैगोर ने रवींद्र संगीत नामक एक विशिष्ट संगीत शैली विकसित की उन्होंने 2,000 से अधिक गीतों की रचना की, जिन्हें “रवींद्र संगीत” के नाम से जाना जाता है। रवींद्रनाथ टैगोर को भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि के रूप में सम्मानित किया जाता है।
PM मोदी ने टैगोर को श्रद्धांजलि दी…
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिष्ठित प्रतिभा रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर कहा “मैं गुरुदेव टैगोर को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी स्थायी बुद्धिमत्ता और प्रतिभा पीढ़ी दर पीढ़ी असंख्य लोगों को प्रेरित और प्रबुद्ध करती रहेगी।” वर्तमान पश्चिम बंगाल में जन्मे टैगोर को साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और एक नाटककार, कवि, संगीतकार, शिक्षाविद्, दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में उनके समृद्ध योगदान ने उन्हें सबसे सम्मानित भारतीयों में से एक बना दिया है।