International Labour Day 2024: क्यों दुनियाभर के मजदूरों के लिए खास है आज का दिन ? | Sanmarg

International Labour Day 2024: क्यों दुनियाभर के मजदूरों के लिए खास है आज का दिन ?

नई दिल्ली: 1 मई को हर साल दुनियाभर में मजदूर दिवस (International Labour Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देना है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे के नाम से जाना जाता है। इस खास मौके पर श्रमिकों द्वारा किये गए योगदान को भी याद किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना है। इस दिन श्रमिकों की अहमियत और अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है।

क्या है मजदूर दिवस का इतिहास

मजदूरों के आंदोलन की शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका में हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर उतर आए थे और अपने हक के लिए लड़ाई लड़ने लगे थे। इस आंदोलन का मुख्य कारण था काम के घंटों में कमी। दरअसल उस समय मजदूरों से 15-15 घंटे काम कराया जाता था। आंदोलनकारी मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी थी जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई। वहीं कई मजदूर बुरी तरह से घायल भी हुए थे। इस आंदोलन ने अपना रंग तीन साल बाद दिखाया। तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। इस सम्मेलन में 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही हर साल 1 मई को छुट्टी का भी ऐलान किया गया।

भारत में कब से हुई शुरूआत

भारत में तकरीबन 34 साल बाद इसकी शुरुआत हुई। भारत में 1 मई 1923 को चेन्नई से मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत हुई। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये फैसला लिया गया था। क्या है मजदूर दिवस का उद्धेश्यहर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और उनके बलिदानों को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक के लिए आवाज बुलंद करने के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है।

 

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