क्या ना करें
1. किसी अनजान कॉल को रिसीव न करें। यूएस नंबर +1 से आनी वाली कॉल को रिलीव ना करें।
2. किसी के साथ ओटीपी या कोई अन्य डिटेल साझा न करें।
3. अपने वाट्स ऐप पर टू स्टेप वेरिफिकेशन करके रखे ताकि अगर कोई वाट्स ऐप हक करलें भी तो उक्त पासवर्ड के बैगर आपका अकाउंट न खोल सके।
कोलकाता पुलिस ने लोगों को किया सतर्क
कोलकाता : आज के समय में वॉट्सऐप एक जरूरी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म हैं, जहां आप पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल चैटिंग करते हैं। साथ ही आपके फोटो, वीडियो से लेकर अन्य जरूरी दस्तावेज वॉट्सऐप पर मौजूद रहते हैं। इसी को टारगेट करने के लिए मार्केट में एक नए तरह का हैकिंग टूल आया है, जिसमें आपके पास एक फोन कॉल आती है, और फिर आपका वॉट्सऐप दूसरे डिवाइस में लॉगिन हो जाता है। कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाना की ओर से लोगों को साइबर ठगी के नए मॉडस ऑपरेंडी के प्रति सतर्क किया गया है। पुलिस के अनुसार इस नए तरीके से सैकड़ों लोग साइबर ठगों का शिकार बन सकते हैं। इसलिए पुलिस सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यम से लोगों को जागरुक कर रही है। इस नए तरीके के ठगी को वाट्स ऐप हाईजैक स्कैम बताया जा रहा है।
बिना ओटीटी वॉट्सऐप हो रहा हैक
पुलिस के अनुसार पहले लोगों के मोबाइल पर एक कॉल आता था। कॉल करनेवाला व्यक्ति खुद को वाट्स ऐप या फिर अन्य कंपनी का कर्मचारी बताता था। फोन पर बात करते हुए वह आपके नंबर पर वा्टस ऐप दूसरे मोबाइल पर खोलने की कोिशश करता है। इसके लिए वह कॉल बेस्ट वाट्स ऐप एक्टिवेशन ऑप्शन सेलेक्ट करता है । इसके बाद जालसाज लोगों को कहता है कि उनके मोबाइल पर एक कॉल आएगा उसे मर्ज कर लीजिए। यह कॉल असल में वाट्स ऐप की तरफ से वैरिफिकेशन कॉल रहता है और जैसे ही पीड़ित व्यक्ति उक्त कॉल को मर्ज करता है वैसे ही जालसाज ओटीपी हासिल कर अपने सिस्टम में उसका वाट्स ऐप अकाउंट खोल लेता है।
इसके बाद पीड़ित व्यक्ति का वाट्स ऐप अकाउंट अपने आप लॉगआउट हो जाता है। इसके अलावा जालसाज एक और पद्धति से लोगों का वाट्स ऐप अकाउंट हैक कर रहे हैं। इस पद्धति के जरिए जालसाज पहले लोगों के मोबाइल पर मैसेज करते हैं कि उनका वाट्स ऐप अकाउंट हैक कर लिया गया है। इसके बाद पीड़ित व्यक्ति को फोन कॉल कर जालसाज उससे ओटीपी हासिल कर लेते हैं। ओटीपी डालने के बाद वे लिमिट खत्म कर देते हैं ।