नई दिल्ली: भारत का पहला और महत्वाकांक्षी सूर्य मिशन आदित्य L1 भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने बड़ा अपडेट दिया है। ISRO ने कहा है कि आदित्य L1 की पहली बार कक्षा बदली गई है। ISRO ने X पर यह जानकारी दी है। अब यह 235×19500 किलोमीटर की कक्षा से सफलतापूर्वक 245×22459 किलोमीटर की कक्षा में पहुंच चुका है। कक्षा बदलने की प्रक्रिया को ISTRAC, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। ISRO ने कहा ‘सैटेलाइट स्वस्थ है और नाममात्र का संचालन कर रहा है। पहला अर्थ-बाउंड प्रोसेस (EBN#1) ISTRAC बेंगलुरु द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। प्राप्त की गई नई कक्षा 245 किमी x 22459 किमी है। कक्षा (EBN#2) बदलने की अगली प्रक्रिया 5 सितंबर को सुबह करीब 3 बजे होगा।’
आदित्य एल1 पांच बार अपनी कक्षा बदलेगा
बता दें कि 16 दिनों के दौरान आदित्य एल1 पांच बार अपनी कक्षा बदलेगा और इसके बाद एल 1 पॉइंट की ओर बढ़ जाएगा। मालूम हो कि यान ने पहले ही सैटेलाइट को उसकी तय कक्षा में स्थापित कर दिया है, जहां से वह 125 दिनों की यात्रा पर सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के अपनी यात्रा की ओर आगे बढ़ेगा। इसके बाद अंतरिक्ष यान को अंततः सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैगरेंज प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। गौरतलब हो कि आदित्य एल-1, 15 लाख किलोमीटर की दूरी 4 महीने में तय करेगा। फिर लैंगरेंज पॉइंट- 1 तक पहुंचेगा। लैंगरेंज पॉइंट- 1 वह बिंदु है जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है। यहां किसी उपकरण को ठहरने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ऐसे में आदित्य एल-1 लगातार सूर्य पर निगाह रख सकता और इस पर अध्ययन कर सकता है। आदित्य एल-1 में फायरिंग के जरिए ही इसे एल-1 पर हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा।