

भुवनेश्वरः ओडिशा की कांग्रेस इकाई के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद मोकिम को पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को चुनौती देने के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के एक नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा कि मोकिम को ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’’ के लिए निष्कासित किया गया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘सभी लोगों की जानकारी के लिए यह सूचित किया जाता है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मोहम्मद मोकिम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’
बाराबती-कटक विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक मोकिम ने हाल ही में ओपीसीसी नेतृत्व को चुनौती दी थी और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधायक ने अपना पत्र सार्वजनिक किया और टेलीविजन चैनलों को बयान दिया जो पार्टी के आंतरिक मामले पर चर्चा करने के लिए उचित मंच नहीं है।
दास ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को मोकिम को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए।
मोकिम ने सोनिया को पत्र लिखने को सही ठहराया
एक सूत्र ने कहा, ‘‘एआईसीसी ने उनके इस कृत्य को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन मानते हुए इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।’’ मोकिम ने कहा, “सोनिया गांधी को पत्र लिखने और प्रासंगिक मुद्दे उठाने पर मुझे कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने मुझे पार्टी से निष्कासित कर दिया है, लेकिन वे मुझे कांग्रेस की विचारधारा से अलग नहीं कर सकते, जिसका मैं अक्षरशः पालन करता हूं।”
पूर्व विधायक ने सोनिया गांधी को पांच पन्नों का पत्र लिखकर ओपीसीसी अध्यक्ष के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे और प्रदेश इकाई के कामकाज के बारे में चिंता व्यक्त की थी। मोकिम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उम्र को लेकर भी सवाल उठाए थे। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘मोकिम ने पार्टी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व दोनों को चुनौती दी है।’’ उन्होंने पूर्व विधायक द्वारा पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने के तरीके की आलोचना की।
ओपीसीसी मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अरबिंद दास ने एक बयान में कहा कि मोकिम का पत्र ‘‘पार्टी में सुधार लाने के इरादे से नहीं, बल्कि संगठन में अशांति पैदा करने के इरादे से लिखा गया था।’’