नई दिल्ली: जी-20 में आ रहे 19 देशों के डेलिगेट्स के लिए तैयार होने वाला खाना कई लेयर से होकर गुजरेगा। खाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे आइटमों की जांच के साथ खाना पकने के बाद भी उसके सैंपल लिए जाएंगे। कच्चे आइटम की लैब रिपोर्ट आने के बाद ही उसका इस्तेमाल खाना पकाने के लिए होगा। यह रिपोर्ट महज दो घंटे में आ जाएगी। किचन की साफ सफाई व अन्य स्टैंडर्ड को भी फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम देखेगी।
अलग-अलग होटलों के लिये दो-दो एफएसओ की ड्यूटी
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अनुसार अलग-अलग होटलों के लिए दो-दो एफएसओ की ड्यूटी लगाई जा रही है। इन होटलों में जितनी भी खाद्य सामग्री का इस्तेमाल होगा उसके सैंपल लेकर जांच की जाएगी। आमतौर पर जांच रिपोर्ट आने में 15 दिन का समय लगता है। लेकिन, इन सैंपलों की रिपोर्ट लैब से दो घंटे में ही आ जाएगी। मसालों, तेल से लेकर सभी तरह के खाद्य सामग्रियों की यह जांच होगी। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीमें किचन व बर्तनों की साफ सफाई भी परखेंगी। इसके बाद ही वहां खाना पकने की प्रक्रिया शुरू होगी।
फूड सेफ्टी की बजाय …
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी के अनुसार खाना पकने के बाद भी प्रोटोकॉल के तहत खाने को परोसने से पहले उसके सैंपल लेकर सुरक्षित रखे जाएंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर उसकी जांच की जा सके। यह काम फूड सेफ्टी की बजाय पुलिस विभाग की टीमें करेंगी। इनके लिए तीन दिन पहले एक मीटिंग हो चुकी है। इस मीटिंग में पुलिसकर्मियों की टीमों को इन सैंपलों को लेने का तरीका बताया गया है।
बिना टेस्ट किया नहीं किया जाएगा इस्तेमाल
यह व्यवस्था सिर्फ डेलिगेशन के ठहरने वाले होटल में नहीं बल्कि होने वाले कार्यक्रमों व अन्य भोज कार्यक्रमों के लिए भी की जा रही हैं। यानी डेलिगेट्स का ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर या स्नैक्स व हाई टी के लिए जहां-जहां व्यवस्था रहेगी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इन सभी जगहों के लिए पहले से एफएसओ की टीमें बना दी गई हैं। रोज सुबह खाना बनाने के समय से ढाई से तीन घंटे पहले यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। टेस्टिंग होने के बाद कोई सामान किचन के अंदर नहीं जाएगा।