व्यवसायी संगठन ने की एयरलाइंस पर कैपिंग की मांग
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : व्यावसायिक संगठन कनफेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन (सीडब्ल्यूबीटीए) की ओर से घरेलू उड़ानों को संचालित करने वाली एयरलाइंस कंपनियों पर कैपिंग लगाने की मांग की गयी है। इसे लेकर सीडब्ल्यूबीटीए के प्रेसिडेंट सुशील पोद्दार ने केंद्रीय विमानन व उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र भेजा है। इस बारे में सुशील पोद्दार ने बताया कि एयर टर्बाइन फ्यूल की कीमतें लगातार गिर रही हैं और एयरलाइंस कंपनियां पूरी क्षमता के साथ संचालन कर रही हैं। हालांकि इसके बावजूद घरेलू यात्रा के लिये एयरलाइंस कंपनियों द्वारा काफी अधिक कीमत ली जा रही है जिससे मध्यमवर्गीय व्यवसायियों की मुसीबतें बढ़ गयी हैं। मध्यमवर्गीय व्यवसायियों को व्यवसाय के कारणों से आये दिन दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है, लेकिन घरेलू उड़ानों की कीमतों ने उनकी मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि गत 31 अगस्त 2022 को केंद्र सरकार ने उड़ान की कीमतों से कैपिंग हटा दी और एयरलाइंस कंपनियों को मनमाने तरीके से किराया लेने की अनुमति दे दी। एक तरफ भारत सरकार हवाई यात्रा को ग्रामीण लोगों के लिये आसान बनाने हेतु नये एयरपोर्ट बना रही है तो दूसरी ओर, यात्रियों को एयरलाइंस कंपनियों के भरोसे छोड़ दे रही है जो यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। सुशील पोद्दार ने कहा कि एक सेक्टर के लिये स्पॉट फेयर के तौर पर आपातकाल में यात्रा कर रहे यात्री को 15 से 18,000 रुपये देने पड़ रहे हैं। केंद्रीय विमानन मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप कर पहले की तरह कैपिंग तय करनी चाहिये ताकि मध्यमवर्गीय लोगों को सुविधा हो। एक से डेढ़ घंटे की यात्रा के लिये 3,000 और दो से ढाई घण्टे की यात्रा के लिये 6 से 7,000 रुपये कैपिंग तय की जानी चाहिये। कैपिंग के अलावा उच्च कैंसेलेशन चार्ज/सीट सेलेक्शन चार्ज और बोर्डिंग पास जनरेट नहीं होने पर वेब चेकिंग में हो रही समस्याओं का जिक्र भी किया गया। उन्होंने मांग की कि पूरा किराया लेने के बाद एयरलाइंस कंपनियों को सीट के लिये चार्ज नहीं लेना चाहिये। इसके अलावा कैंसेलेशन चार्ज भी कम से कम होना चाहिये।