सीबीआई ने किया नया खुलासा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सिर्फ पत्नी के नाम से ही नहीं बल्कि पत्नी की सखी के नाम से भी शांति प्रसाद सिन्हा ने फ्लैट खरीदा था। यह खुलासा सीबीआई की टीम ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया है। चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि शांतिप्रसाद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय द्वारा गठित एसएससी की कमेटी के सलाहकार समिति के अध्यक्ष थे। सीबीआई ने शुरू से ही उनके प्रभावशाली होने का दावा किया है। सीबीआई ने सर्वे पार्क स्थित उक्त फ्लैट की तलाशी ली थी। शांतिप्रसाद सिन्हा ने अपने फ्लैट के सामने वाले कॉम्प्लेक्स में गुमनाम रूप से एक फ्लैट खरीदा था। सीबीआई ने कुछ महीने पहले वहां तलाशी ली थी। बुधवार को एसएससी भर्ती मामले की अतिरिक्त चार्जशीट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि फ्लैट शांतिप्रसाद ने अपनी पत्नी की दोस्त के नाम पर खरीदा था। एसएससी की नियुक्ति पर बनी सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष शांतिप्रसाद के खिलाफ बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। सीबीआई ने भर्ती भ्रष्टाचार के 2 मामलों में शांतिप्रसाद समेत 6 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की।
1500 नामों की सूची मिली उक्त फ्लैट से
जांचकर्ताओं ने मार्च में फ्लैट की तलाशी ली और लाखों नकद और डेढ़ किलोग्राम सोना बरामद किया। यहां से 1500 नामों की सूची भी मिली। चार्जशीट में सीबीआई ने कहा है कि फ्लैट भी शांतिप्रसाद ने काफी पैसे खर्च कर खरीदा था। इसकी कीमत 50 लाख रुपये थी। यह आरोप लगाया गया था कि सरकारी पद पर शांतिप्रसाद का कार्यकाल नियम के विरुद्ध जाकर बढ़ा दिया गया था। हालांकि इस बार सीबीआई ने चार्जशीट में उनके बारे में नई जानकारियां दी हैं। कोर्ट में ग्यारहवीं-बारहवीं कक्षा के शिक्षकों और एसएससी के ग्रुप-डी स्टाफ की नियुक्ति से जुड़े मामले में चार्जशीट पेश की गई थी।
पिछले दो दिनों में तीन मामलों में चार्जशीट
इस संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले 2 दिनों में 3 मामलों में चार्जशीट पेश की है। ग्यारहवीं-बारहवीं भर्ती भ्रष्टाचार में कल्याणमय गंगोपाध्याय, अशोक साहा, अब्दुल खालिक, शांतिप्रसाद समेत 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दी गई है। चार्जशीट भारतीय दंड संहिता की धारा 7 के अलावा धारा 420, 120बी, 409 के तहत पेश की गई है। हालांकि, शांतिप्रसाद के वकील संजय दासगुप्ता ने कहा कि सीबीआई सप्लीमेंट्री चार्जशीट देर से पेश कर रही है, इससे काफी समय लग रहा है। हाई कोर्ट द्रुत गति से छानबीन करने को कह रहा है और सीबीआई धीमी गति से छानबीन कर रही है, ऐसे में कब तक मेरे मुवक्किल जेल में रहेंगे।
पत्नी ही नहीं उनकी सखी के नाम पर भी SSC मामले में गिरफ्तार आरोपी ने खरीदा था फ्लैट
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