आखिर क्यों हनुमान जी से थर-थर कांपते हैं शनिदेव? जानें रोचक कथा

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कोलकाता : शनिवार के दिन कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले शनि देव की पूजा का विधान है। शनि देव से जुड़ी कई रोचक कथाएं हैं जिनका जिक्र हिन्दू धर्म ग्रंथों में मिलता है। उन्हीं में से एक है शनि देव के हनुमान जी डरने के पीछे की कथा।

यह तो सभी जानते हैं कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं और इसी कारण से शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए मंगलवार के साथ साथ शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने के लिए ज्योतिष और धर्म जानकारों द्वारा बोला जाता है लेकिन शनि देव के हनुमान जी से डरने का कारण शायद ही आपको पता हो।
कथा 1
शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार हनुमान जी श्री राम का ध्यान कर रहे थे कि तभी वहां शनि देव आ गए। शनि देव के आगमन पर हनुमान जी ने उनका किसी भी प्रकार का कोई स्वागत नहीं किया जिसके पीछे का कारण स्पष्ट है कि वह राम नाम में लीन थे।

शनि देव को यह देख क्रोध आया और उन्होंने हनुमान जी का ध्यान भंग करने की कोशिश की। हनुमान जी ने शनि देव को कई संकेत दिए लेकिन शनि देव ने हनुमान जी के ध्यान में विघ्न डालना जारी रखा।

हनुमान जी (हनुमान जी के 12 नाम) ने क्रोध में आकर शनि देव को अपनी पूंछ में लपेट कर जमीन पर पटका और फिर आकाश में फेंक दिया जिसके बाद शनि देव को अपनी भूल का एहसास हुआ और उन्होंने हनुमान जी से क्षमा मांगी साथ जी ये वरदान भी दिया कि शनिवार के दिन जो भी व्यक्ति हनुमान जी को तेल चढ़ाएगा उसके जीवन के सभी कष्ट शनि देव हर लेंगे।
कथा 2
पौराणिक कथा के अनुसार, जब त्रेता युग में हनुमान जी श्री राम के वनवास के दौरान माता सीता की खोज के लिए लंका पहुंचे तब उन्होंने रावण की लंका के एक छोटे से तहखाने में शनि देव को बंधी बना पाया।

हनुमान जी शनिदेव के पास पहुंचे तो शनिदेव ने उन्हें सारा वृत्तांत सुनाया कि कैसे शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए रावण ने उन्हें बंदी बनाकर एक छोटे से तहखाने में छुपा दिया जिससे कोई भी देवी देवता उनकी सहायता के लिए उन्हें खोज न पाएं। यह सुनकर हनुमान जी को बड़ा दुख हुआ और उन्होंने शनि देव की विनती पर रावण की कैद से उन्हें मुक्त करा दिया। माना जाता है कि शनि देव के कारण ही हनुमान जी लंका दहन की घटना को अंजाम दे पाए थे। दरअसल, जब हनुमान जी ने शनि देव को रावण के अत्याचार से मुक्त कराया तब शनि देव ने समूची लंका पर अपनी वक्र दृष्टि डाली जिसके बाद हनुमान जी के लिए लंका का दहन करना सहज हो गया।

इसके अलावा, हनुमान जी के शनि देव को मुक्त कराए जाने पर शनि देव (शनि देव की कृपा पाने के उपाय) हनुमान जी से प्रसन्न थे जिसके बाद उन्होंने हनुमान जी को यह वरदान दिया कि जो भी कोई व्यक्ति हनुमान जी की पूजा करेगा और शनिवार के दिन उनके मंत्रों का जाप करेगा शनि देव उसे कभी परेशान नहीं करेंगे और न ही उस व्यक्ति पर अपनी वक्र दृष्टि डालेंगे।

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